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माल्टा में पनामा पेपर्स की जांच की अगुवाई करने वाली पत्रकार की सोमवार को उनके घर के पास एक कार में हुए बम विस्फोट में मौत हो गई।
दाफ्ने कैरुआना गलीजि़या सोमवार की दोपहर मारी गईं जब उनकी कार प्यूजॉट 108 को एक शक्तिशाली विस्फोटक से उड़ा दिया गया। कार टुकड़े’टुकड़े हो गई और उसके परखचे उड़कर पास के एक मैदान में जा गिरे।
गलीजि़या एक ब्लॉगर थीं जिनके पोस्ट को देश भर के अखबारों की कुल प्रसार संख्या से ज्यादा पाठक पढ़ते थे। उनहें हाल ही में पॉलिटिको नाम की बेबसाइट ने ”वन वुमेन विकीलीक्स” की उपाधि दी थी। उनके ब्लॉग पोस्ट सरकार विरोधी तो होते ही थे, देश में अंडरवर्ल्ड के लोगों की पोल खोलते थे।
हाल ही में उन्होंने माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट और उनके दो करीबी सहयोगियों के बारे में लिखा था जिसमें तीनों को एक ऑफशोर कंपनी के साथ जोड़ा गया था। उनके ऊपर माल्टा के पासपोर्ट बेचने और उसके बदले अजरबैजान की सरकार से पैसे लेने का आरेप स्टोरी में लगाया गया था।
अब तक हमले की जिम्मेदारी किसी भी समूह या संगठन ने नहीं ली है।
माल्टा के राष्ट्रपति ने इस हत्या पर कहा, ”ऐसे क्षण में जबकि देश ऐसे खतरनाक हमले से सदमे में है, मैं हर किसी से आह्वान करता हूं कि वे अपनी ज़बान को लगाम दें, फैसले न सुनाएं और एकजुटता प्रदर्शित करें।”
इन गर्मियों में हुए माल्टा के चुनावों में दिखी गड़बडि़यों के बाद टिप्पणीकारों ने अंदेशा ज़ाहिर किया था कि देश में 1980 के दशक के दौर की हिंसा की वापसी हो सकती हे।
मस्कट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ”हर कोई जानता है कि कैरुआना गलीजि़या राजनीतिक और निजी रूप से भी मेरी कटु आलोचक थीं, लेकिन इस बर्बर घटना को कोई किसी भी तरीके से सही नहीं ठहरा सकता।”
स्थानीय मीडिया में रिपोर्टें आई थीं कि गलीजि़या ने 15 दिन पहले पुलिस में शिकायत दर्ज करवायी थी कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है। इस पत्रकार ने अपना आखिरी ब्लॉग अपनी वेबसाइट रनिंग कमेंट्री पर सोमवार को दोपहर 2.35 पर डाला और विस्फोट की सूचना पुलिस के पास तीन बजे के ठीक बाद पहुंची।
पिछले दो साल के दौरान उन्होंने पनामा पेपर्स पर काफी काम किया था। उनके पुत्र मैथ्यू भी पत्रकार हैं और आइसीआइजे के लिए काम करते हैं। वे अपने पीछे अपने पति और तीन बेटों को छोड गई हैं।
दि गार्जियन से साभार