विदेशमंत्री एम.जे.अकबर का तत्काल इस्तीफ़ा माँगते हुए पत्रकारों ने आज संसद मार्ग पर प्रदर्शन किया। अकबर पर लगभग दस महिला पत्रकारों ने यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया है। प्रदर्शन में महिला पत्रकारों की बड़ी तादाद थी।
प्रदर्शन में शामिल वरिष्ठ महिला पत्रकारों ने साफ़ कहा कि दस-बीस साल की देरी से शिकायत पर सवाल बेमतलब है। अकेला पड़ने पर कई बार लड़ाई की हिम्मत नहीं आती। जब माहौल अनुकूल होता है तो बोलने की हिम्मत भी आती है। अकबर पर आरोप लगाने वाली महिलाओं की तादाद इतनी हो गई है कि इसमें शक की कोई गुंजाइश ही नहीं बचती। अकबर तुरंत इस्तीफ़ा दें या फिर उन्हें मंत्रिमंडल से तत्काल बरख़ास्त किया जाए। सभी मामलों की जाँच की जाए।
प्रदर्शन में कार्यस्थल पर यौन शोषण रोकथाम अधिनियम को सख्ती से लागू करने की माँग करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया।
इंडियन वीमेंस प्रेस कॉर्प्स (आईडब्ल्यूपीसी) की अध्यक्ष टी.आर.राजलक्ष्मी ने कहा कि जिन महिलाओं ने आज मीटू के तहत चुप्पी तोड़ी है, उनके साहस सलाम किया जाना चाहिए। अपने साथ हुए यौन शोषण को बताना आसान नहीं होता।
प्रदर्शन में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि – हम उन सब के साथ एकजुटता ज़ाहिर करते हैं जिन्होंने कार्यस्थल पर अपने सहकर्मियों या वरिष्ठ द्वारा प्रताड़ित किए जाने के ख़िलाफ आवाज़ उठाई है। सभी मीडिया संस्थानों इंटरनल कंप्लेंट कमेटी को गठित किया जाए और जहाँ हैं, वहाँ उन्हें प्रभावी बनाया जाए।