
मीडिया संस्थानों में एक बार फिर आलोचनात्मक स्वर रखने वाले पत्रकारों पर दमन का चक्र शुरू हो गया है। एक साथ तीन खबरें आई हैं। इंडिया टुडे समूह में एक पत्रकार को नौकरी से निकाल दिया गया है क्योंकि उसने संस्थान के पत्रकारों द्वारा फैलाए जा रहे फेक न्यूज़ के खिलाफ एक ट्वीट किया। उधर न्यूज़ 18 में एक पत्रकार को बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व जज अभ्य थिप्से का इंटरव्यू चलाने से कथित तौर पर रोका दिया गया, जो मामला सीधे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से जुड़ता है। तीसरी खबर कोलकाता से आई है जहां हिंदुत्ववादी गुंडों ने मीडिया के साथ हाथापाई की है।
इंडिया टुडे समूह की एक चर्चित वेबसाइट है डेलीओ, जहां हर किस्म के विचारों को जगह दी जाती है। इस वेबसाइट की राजनीतिक संपादक अंग्शुकांता चक्रवर्ती ने 4 फरवरी को एक ट्वीट किया था जिसमें कहा गया था कि मीडिया मालिकान अपने रिपोर्टर, ऐंकर, संपादक और लेखक द्वारा फैलाई जा रही र्जी खबरों की ओर से आंखें मूंदे हुए हैं और ऐसे ही लोगों की भर्ती कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि नफरत फैलाने वाले ऐसे लोगों पर मुकदमा चलना चाहिए और इनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए।
Promoters turning a blind eye to hate-mongering, fake news spreading news anchors, editors, reporters and writers, or hiring them in the first place, must be tried in courts as hate speech enablers-profiteers. Must be boycotted socially by secular politicians & Industrialists.
— Angiography (@angshukanta) February 4, 2018
स्क्रोल डॉट इन से बातचीत में चक्रवर्ती ने बताया कि उन्हें प्रबंधन ने यह ट्वीट डिलीट करने के लिए कहा क्योंकि प्रबंधन उससे खुश नहीं था। गौरतलब है कि इंडिया टुडे की ग्रुप एचआर प्रमुख नृपेंद्र मिश्र की बेटी पूर्वा मिश्र हैं। नृपेंद्र मिश्र आला नौकरशाह हैं जिन्हें अपना प्रधन सचिव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद संभालते ही कानून में बदलाव कर दिया था।
चक्रवर्ती से कहा गया था कि या तो वे ट्वीट डिलीट करें या फिर इस्तीफा दें या उन्हें निकाल दिया जाएगा। आखिरकार उन्हें निकाल दिया गया लेकिन उन्होंने पलट कर इंडिया टुडे समूह को करारा जवाब दिया है। उन्होंने अपना यह लंबा पत्र इस ट्वीट के साथ पोस्ट किया है: ”आग़ाज ट्वीट से हुआ तो अंजाम भी ट्वीट पर ही हो”। इस पत्र में उन्होंने पूरे घटनाक्रम का हवाला देते हुए समूह से कहा है कि वे अपनी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार के हनन के लिए मुकदमा करेंगी और कानूनी नोटिस भिजवाएंगी।
What began with a tweet, must end with a tweet.
My response to @IndiaToday. pic.twitter.com/4bGwGlxsPa
— Angiography (@angshukanta) February 14, 2018
दूसरी ओर न्यूज़ 18 में एक रिपोर्टर को बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व जज अभय एम. थिप्से का इंटरव्यू करने से मना कर दिया गया। गौरतलब है कि जज थिप्से सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में चार ज़मानत याचिकाओं की सुनवाई कर चुके हैं। उन्होंने दो दिन पहले जज लोया की मौत के मामले में आवाज़ उठाते हुए कहा है कि इस मामले में कई रसूखदार लोगों को गलत तरीके से ज़मानत मिली है जो ”न्यायतंत्र की विफलता” है।
सोहराबुद्दीन केस में रसूखदार आरोपियों को बरी किया जाना ‘न्याय तंत्र की विफलता’ है: पूर्व जज
उनके इस बयान के बाद तमाम चैनलों के रिपोर्टर जज से बाइट लेने पहुंचे और दो चैनलों पर उनका साक्षात्कार चला। जनता का रिपोर्टर की खबर ने न्यूज़ 18 के सूत्रों के हवाले से कहा है कि वहां के रिपोर्टर को साफ़ मना कर दिया गया कि थिप्से के इंटरव्यू की कोई जरूरत नहीं है।
जनता का रिपोर्टर ने चैनल के प्राइम टाइम ऐंकर भूपेंद्र चौबे से इस बारे में बात की लेकिन उन्होंने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है1
उधर कोलकाता में हिंदू संहति नाम के एक संगठन ने एक मुस्लिम परिवार के 14 सदस्यों को हिंदू बनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम रखा था जहां कुछ मीडियावालों ने जब परिवार से बात करने की कोशिश की तो उन्हें हिंदू संगठन के लोगों ने पीट दिया। इस मामले में एक हिंदूवादी नेता तपन घोष सहित तीन लोगों को पत्रकारों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
Gen G D Bakshi speaking in Hindu Samhati Rally in Kolkata. pic.twitter.com/x5u9e31x4m
— Tapan Ghosh (@hstapanghosh) February 14, 2018
यह खबर भी जनता का रिपोर्टर के हवाले से है। हिंदू संहति रैली नाम के इस आयोजन में कर्नल जीडी बख्शी ने भी भाषण दिया था जो रोज़ रात राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर बहस करते देखे जा सकते हैं।