जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख साफ़ करते हुए का कि यह सालों से बने रहने के कारण अब यह परम्परा बन गई है जिसको खत्म करना असंभव हो गया है. धारा 370 अब संविधान का स्थाई हिस्सा है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के अनुसार अदालत की यह टिप्पणी केस की सुनवाई के दौरान आई. न्यायमूर्ति आदर्श के गोयल और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की बेंच की यह टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई करते हुए आई. इसमें दावा किया गया था कि धारा 370 एक अस्थायी प्रावधान के तहत लाई गई थी जिसे 26 जनवरी 1957 को जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के भंग होने के साथ ही खत्म हो जाना था. इसमें यह भी कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर का संविधान निरर्थक, अप्रभावी और भारतीय संविधान का उल्लंघन है.