दिल्ली विश्वविद्यालय में पांच हजार अस्थाई शिक्षकों को निकाले जाने के विरोध में आज दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डीयूटीए) अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रिसिंपल एसोसिएशन (DUPA) ने फैसला किया है कि अब एड-हॉक प्रोफेसरों के स्थान पर ‘गेस्ट टीचर्स’ की नियुक्ति की जाएगी।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ये निर्णय 28 अगस्त को जारी किए गए डीयू (DU) के परिपत्र के आधार पर लिया गया है। डूटा का कहना है कि प्रशासन का ये फैसला हम स्वीकार नहीं करेंगे। दिल्ली यूनिवर्सिटी में 4,500 से ज्यादा टीचर एड-हॉक के तौर पर पढ़ा रहे हैं।
Delhi University Teachers' Association (DUTA) protests outside DU Vice-Chancellor's office demanding rollback of Aug 28 circular which stops the appointment of ad-hoc teachers. pic.twitter.com/tu3C302C8G
— ANI (@ANI) December 4, 2019
आज के हड़ताल में डूटा ने एकजुटता दिखाते हुए कुलपति के खिलाफ नारे लगाए और जगह -जगह पोस्टर लगाए हैं। बीते रात भी शिक्षकों के साथ छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में कैंडिल मार्च निकाला था।
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ और शिक्षक संघ ने डूटा के आंदोलन को समर्थन दिया है।
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डूटा ने इस हड़ताल पर जाने से पहले छात्रों के नाम भी एक संदेश दिया है। उन्हों कहा है कि जब आप लोग परीक्षा देने जाएंगे तो हम आपको वहां नहीं मिलेंगे। इससे परीक्षा में बाधा आएगी, लेकिन हमें इस हड़ताल पर मजबूरी में जाना पड़ रहा है।
इस संस्थान में कई सालों से 5000 से ज्यादा एड-हॉक शिक्षक पढ़ा रहे हैं। जिन्हें एक झटके में बेरोजगार घोषित कर दिया गया है। डूटा ने छात्रों को कहा है कि प्रशासन की इस तानाशाही के चलते सभी एडहॉक शिक्षक और स्थाई शिक्षक हड़ताल पर जानें को मजबूर हैं।
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दिल्ली विश्वविद्यालय में आज शिक्षकों के ऐतिहासिक आंदोलन की तस्वीरें :
मंगलवार को राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में आरजेडी सांसद, प्रो. मनोज झा ने यह मुद्दा सदन में उठाया। प्रो. मनोज झा ने मुद्दे को उठाते हुए कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एडहॉक नियुक्ति पर तलवार लटक रही है।