केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (DAVP) ने गुरुवार को एक अधिसूचना जारी करते हुए कई छोटे-बड़े अखबारों और पत्रिकाओं को अपने पैनल से निलंबित कर दिया है। इन प्रकाशनों को अब सरकारी विज्ञापन नहीं मिलेगा।
निदेशालय ने 6 अप्रैल को एक एडवायज़री जारी की जिसमें कहा गया है कि डीएवीपी के डेटाबेस के मुताबिक ऐसे कुल 804 पत्र-पत्रिकाएं हैं जिन्होंने अक्टूबर 2016 से लेकर फरवरी 2017 के बीच विभाग को अपने प्रकाशनों की प्रतियां जमा नहीं करवाई हैं। एडवायज़री के दूसरे बिंदु में प्रिट मीडिया विज्ञापन नीति 2016 के अंतर्गत ”नियमितता” के प्रावधान का हवाला देकर बताया गया है कि डीएवीपी के पैनल में शामिल सभी अखबारों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अगले महीने की 15 तारीख से पहले अपने प्रकाशनों की प्रतियां जमा करवा दें और ऐसा न होने पर उनका विज्ञापन बंद कर दिया जाएगा।
एडवायज़री कहती है कि हर महीने रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद 804 प्रकाशनों ने नियम का अनुपालन नहीं किया। इसीलिए प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति के उपबंध 25(बी) के तहत इनके विज्ञापन रोके जा रहे हैं। इन प्रकाशनों में असमिया प्रतिदिन, चौथी दुनिया जैसे कुछ बड़े नाम शामिल हैं। दिल्ली से निकलने वाला डायलॉग इंडिया, दि डे आफ्टर, जदीद अमल, मेरी दिल्ली, नेशनल दुनिया, टाइम्स, ओशो वर्ल्ड, राष्ट्रवादी टाइम्स, अमर भारती, सर्वहारा टाइम्स, स्वराज खबर, विराट भारत आदि ढेर सारे प्रकाशन सूची में शामिल हैं।
दिल्ली के बाहर प्रमुख प्रकाशनों में निम्न हैं: गांधीनगर संदेश, दैनिक भास्कर शिमला, मिशन कश्मीर, फ्रंटियर, कर्नाटक टाइम्स, ग्वालिसर का अग्निबाण, इंदौर से अंबेडकर वाणी, इंदौर से लोकस्वामी, इंदौर से रविवार डाइजेस्ट,महाराष्ट्र टाइम्स जलगांव, दैनिक भास्कर अमृतसर, लखनऊ से दस्तक टाइम्स, नोएडा से पाखी आदि शामिल हैं।
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