दिल्ली पुलिस की ओर से दायर पूरक चार्जशीट में दंगों की साजिश रचने के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी का नाम भी दर्ज हुआ है। येचुरी के अलावा स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद, अर्थशास्त्री जयति घोष और डाक्यूमेंट्री फ़िल्म निर्माता राहुल राय का भी नाम है। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने शनिवार शाम ये ख़बर जारी की।
पीटीआई की इस खबर के आते ही हड़कंप मच गया। दिल्ली पुलिस की जाँच पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले दिनों एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि दिल्ली पुलिस ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया। किसी राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का नाम इस तरह चार्जशीट में आना आश्चर्यजनक है। सीताराम येचुरी ने इसके लिए सीधे मोदी सरकार को ज़िम्मेदार बताया। उ्न्होंने कहा कि यह बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के चरित्र की बानगी है।
कहा जा रहा है कि सीएए और एनआरसी का विरोध किया उनसे सरकार बदला ले रही है। जिन लोगों ने भी शाहीन बाग़ के आंदोलन का समर्थन किया या वहाँ मंच पर भाषण देने पहुँचे, उनको दिल्ली पुलिस दंगों से जोड़ने की कोशिश कर रही है। जबकि बीजेपी के जिन नेताओं और मंत्रियों के दंगाई भाषा के वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हुए, उनका नाम किसी एफआईआर में नहीं है। ज़ाहिर है, सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव सहित अन्य बुद्धिजीवियों का नाम चार्जशीट में आना इसी कड़ी में देखा गया। राजनीतिक गलियारों में भी इस पर तीखी हुई। आखिरकार कुछ घंटे बाद पीटीआई ने अपनी स्टोरी में थोड़ा बदलाव किया। अब कहा गया कि दिल्ली पुलिस ने दंगा भड़काने के सह आरोपी के रूप में दर्ज नहीं किया है। ये नाम एक आरोपी के बयान में आये हैं जिन्हें सच्चाई के साथ रिकार्ड किया गया है। योगेंद्र यादव ने तंज़ के साथ इस नए ट्वीट को साझा किया।
Minus the legalese, @DelhiPolice is saying that we have not been named as accused, that we've just been named in a disclosure statement of one accused. That's correct.
As for Delhi Police truthfully recording statement of accused, I am looking for a sack of salt!! https://t.co/GgBNtB7gK7— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) September 12, 2020
दिल्ली पुलिस के मुताबिक पूरक चार्जशीट में सीताराम येचुरी और अन्य का नाम पिंजरा तोड़ आंदोलन की देवांगना कलिता और नताशा नरवाल के डिस्क्लोज़र स्टेटमेंट में आया है। पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने माना है कि जफराबाद हिंसा येचुरी और अन्य के इशारे पर हुई। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इस स्टेटमेंट पर दोनों के ही असहमति के साथ दस्तखत हैं और साफ लगता है कि एक तरह के दो बयान टाइप करके पुलिस ने हस्ताक्षर कराये हैं।
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