“उस धर्म के लोग ज़्यादा तादाद में वोट दे रहे हैं, जबकि हमारे धर्म के लोग सुस्त हैं !…जागो, उठो, भागो वरना वाला दूसरे धर्म वाला प्रत्याशी जीत जाएगा !!”– मतदान के दिन यह प्रचार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की फ़िराक़ में रहने वालों का जाँचा-परखा दाँव है। लेकिन अगर पत्रकार भी यही करने लगें तो ?
बिड़ला जी से अंबानी जी की मुट्ठी में जाने की चर्चा से घिरे ‘हिंदुस्तान’ के पत्रकार कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। आजकल अख़बार की वेबसाइट पर ‘लाइव’ का चलन बढ़ा है। यानी अख़बार के पत्रकार कैमरे के सामने बताते हैं कि कहाँ – क्या हो रहा है। 15 फ़रवरी को यूपी के दूसरे चरण के मतदान की बाबत एक वीडियो सुबह से ही नज़र आने लगा था। मुरादाबाद में हिंदुस्तान के पत्रकार बता रहे थे कि मुस्लिम इलाके में ज़्यादा मतदान हो रहा है, हिंदू इलाके में कम।
वीडियो एक पत्रकार की इसी बात से शुरू होता है। बाद में दूसरी बातें भी होती हैं, लेकिन ऐंकर महोदय बेचैन हैं। वे वीडियो के अंत में फिर ज़ोर देकर कहते हैं कि मुस्लिम इलाकों में जमकर वोटिंग हो रही है, हिंदू इलाकों में कम। ऐंकर थे अमित गुप्ता जो हिंदुस्तान के मुरादाबाद संस्करण के डीएनई हैं यानी डिप्टी न्यूज़ ए़डिटर हैं। पर जो चीजें उन्हें एडिट करनी चाहिए, वही प्रसारित करने को बेक़रार थे।
अब ख़ुद ही तय कीजिए कि यह रिपोर्टिंग है या प्रचार। चाहे तो यह भी याद कर लीजिए कि चैनल के संपादक शशिशेखर हैं जो राममंदिर आंदोलन के दौरान आगरा में दैनिक ‘आज’ के प्रभारी थे और झूठ की लाशों से सरयू लाल कर रहे थे। प्रेस काउंसिल की रिपोर्ट में यह सब दर्ज है। मोदी राज में पुराना कारसेवक जाग गया हो तो अचरज नहीं..
बहरहाल वीडियो देखें और ख़ुद फ़ैसला करें—