उड़ी में हुए आतंकवादी हमले की चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोसना कहाँ तक उचित है ? लेकिन टाइम्स नाउ के एडीटर इन चीफ अर्णव गोस्वामी की मोदी भक्ति उन्हें ऐसा करने को मजबूर कर रही है। या कहें कि मोदी की छवि बचाने के लिए मनमोहन की आड़ लेना ज़रूरी हो गया है। वरना तो ऐसे मामलों में वे सरकार की बैंड बजाते रहे हैं। अर्णव जैसे बैंड मास्टर को खुद बैंड में तब्दील होते देखना दिलचस्प है..ख़ैर, पढ़िये एक रिपोर्ट–
उड़ी में अब तक 18 सैनिकों के मारे जाने की खबरों के बीच भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आलोचना के घेरे में हैं। चुनाव से पहले एक के बदले 10 सिर लाने के उनके वादे को याद कराया जा रहा है, और भाजपा के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
ऐसे में भाजपा और संघ के लिए उड़ी में हुए हमले का बचाव करना मुश्किल हो रहा है, लेकिन टाइम्स नाउ के एडीटर इन चीफ अर्णव गोस्वामी ऐसे में भाजपा के बचाव में सामने आए हैं। अपनी विचित्र हरकतों और चीखने-चिल्लाने के लिए चर्चित अर्णव ने तर्क भी विचित्र दिया है और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उरी के हमले से संबंधित चर्चा में दोषी ठहराया है।
सेवानिवृत्त लेफ्टीनेंट जनरल जैसवाल, टाइम्स नाउ के रेसीडेंट एक्सपर्ट मारूफ रज़ा, पूर्व सेनाध्यक्ष और अब आरएसएस के विचारक मेजर जनरल जी डी बक्शी और पूर्व राजनयिक जी पार्थसारथी जैसे गेस्ट की मौजूदगी में रविवार को अर्णव गोस्वामी ने अपने टीवी शो में उड़ी हमले के संदर्भ में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोसा
शो का टॉपिक तो ये था कि क्या भारत को पाकिस्तान पर हमला करना चाहिए, लेकिन अपने भाजपा कनेक्शन के चलते खुद अर्णव बात को घुमाकर मनमोहन सिंह पर ले गए। अन्य अतिथियों ने तो भाजपा सरकार के इरादों में स्पष्टता की कमी की ओर इशारा किया लेकिन अर्णव ने इस हमले को मनमोहन सिंह की महान गलती का नतीजा बताया।
अर्णव ने कहा, “29 सितंबर, 2013 को मनमोहन सिंह ने न्यूयॉर्क में नवाज़ शरीफ के साथ घंटे भर की मुलाकात करके सबसे बड़ी गलती की थी। उसके कुछ ही दिन पहले जम्मू और कश्मीर के कठुआ और साँबा में दो आतंकवादी हमले हुए थे।”
अर्णव को इसी साल पठानकोट में हुआ हमला याद नहीं आया और 2013 के कठुआ और सांबा के हमले याद आ गए। अर्णव पूरी तरह से आरएसएस के वक्ता की तरह पेश आए और केंद्र सरकार द्वारा उड़ी हमले की कड़ी निंदा की तारीफ करते रहे।
ये कोई अचरज की बात नहीं। ये बात छिपी नहीं है कि अर्णव गोस्वामी के पिता मनोरंजन गोस्वामी 1998 में गुवाहाटी लोकसभा सीट पर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर हार चुके हैं। उनके मामा सिद्धार्थ भट्टाचार्य असम भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं और इस समय गुवाहाटी ईस्ट से भाजपा के विधायक हैं।
(महेंद्र नारायण सिंह यादव की रिपोर्ट पर आधारित, जो सबरंग इंडिया में प्रकाशित हुई )
नीचे यूट्यूब का वह लिंक है जिसमें 19:25 पर अर्णव मनमोहन को कोसते नज़र आ रहे हैं। .
https://www.youtube.com/watch?v=bSqnW5utxuI