क़ौमी तराना ‘सारे जहाँ से अच्छा’ लिखने वाले अल्लामा इक़बाल ने 21 अप्रैल 1938 को दुनिया छोड़ दी थी लेकिन एबीपी के एंकर अभिसार शर्मा ने अभी-अभी ‘बड़ा प्रश्न’ में उनका ज़िक्र आने पर बड़ी हिक़ारत से कहा कि इक़बाल तो पाकिस्तान चले गये थे, उनकी बात क्या करना ! न , यह ज़बान लड़खड़ाने का मसला नहीं है। यह मसला है अज्ञान और अहंकार का। कई दूसरे चैनलों के एंकर भी इसी तरह हिंदी के अर्द्ध शिक्षित समाज में ज़हर घोलते रहते हैं।
पत्रकारिता की मर्यादा को ध्यान में रखने वाले संस्थानों को ऐस…े लोगों के ख़िलाफ़ निश्चित ही कार्रवाई करनी चाहिए वरना यह रोग थमेगा नहीं। मेरा इस चैनल (स्टार न्यूज़ )से लंबा जुड़ाव रहा है, इसलिए यह निजी दुःख का विषय भी है। मैं चाहकर भी अपने क्षोभ को सार्वजनिक करने से खुद को रोक नहीं पा रहा हूँ।
यह कार्यक्रम राममंदिर को लेकर फिर शुरू हुए विवाद पर था और अभिसार ने रात क़रीब 9.36 पर हिंदुस्तान के चुनिंदा महान शायरों में से एक इक़बाल को पाकिस्तान के हवाले कर दिया। पत्रकार होने की वजह से मैं आज ख़ुद को अल्लामा का गुनाहगार मान रहा हूँ। हो सके तो माफ़ कर देना अल्लामा !
(पत्रकार पंकज श्रीवास्तव के फेसबुक पेज से )