एनडीटीवी की चर्चित एंकर बरखा दत्त ने आज सोशल मीडिया के ज़रिये टाइम्स नाऊ के संपादक और एंकर अर्णव गोस्वामी पर क़रारा हमला बोला। उन्होंने एक ट्वीट करके उस इंडस्ट्री में होे पर शर्मिंदगी ज़ाहिर की जिसमें अर्णव भी हैं। उन्होंने लिखा —
Times Now calls for gagging of media & for journalists to be tried &punished. This man is journalist?Ashamed to be from same industry as him
— barkha dutt (@BDUTT) July 27, 2016
‘टाइम्स नाऊ मीडिया के दमन की बात करता है। वो जर्नलिस्ट्स पर मामला चलाने और उन्हें सज़ा दिलाने की बात करता है। क्या यह शख्स जर्नलिस्ट है? उस शख्स की तरह ही इस इंडस्ट्री का हिस्सा होने के लिए शर्मिंदा हूं।’
बरखा यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने अपने गुस्से को विस्तार देते हुए अपने फ़ेसबुक पेज़ पर एक टिप्पणी लिखी। उन्होंने लिखा–
“टाइम्स नाऊ मीडिया के दमन की बात करता है ! वह पत्रकारों पर मामला चलाने और उन्हें सजा दिलाने की बात करता है ! क्या यह शख्स पत्रकार है ? मैं शर्मिंदा हूँ कि मैं भी उसी की तरह इस इंडस्ट्री का हिस्सा हूँ । अर्नब का बेशर्म और कायरतापूर्ण पाखंड आश्चर्यजनक है। वह बार-बार पाकिस्तान से बातचीत के समर्थकों पर पिनपिना रहा है लेकिन एक भी शब्द जम्मू-कश्मीर की बीजेपी-पीडीपी वाली उस सरकार के लिए नहीं बोल रहा जिनके गठबंधन की शर्तों में पाकिस्तान और हुर्रियत से बातचीत का समझौता है। और वह मोदी पर चुप्पी साधे हुए है जो पाकिस्तान के बातचीत के मामले में हद से आगे निकल गए हैं। मुझे इनमें से किसी पर भी आपत्ति नहीं है लेकिन चूँकि अर्णब गोस्वामी किसी की देशभक्ति को ऐसे विचारों से नापता है तो पूछा जाना चाहिए कि वह सरकार पर चुप क्यों है?… चमचागीरी ?
कल्पना कीजिए कि एक पत्रकार सचमुच में सरकार पर मीडिया के एक धड़े का दमन करने के लिए दबाव बना रहा है। ऐसे पत्रकारों को वह पाकिस्तान की ख़ुफिया एजेंसी आईसीआई का एजेंट ठहरा रहा है, आतंकियों का हमदर्द बता रहा है और कह रहा है कि उनके ऊपर मामला चलना चाहिए और सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
और हमारी पत्रकार बिरादरी? इस बिरादरी से राजनीतिक रूप से सही-गलत बने रहने के नाते कायराना चुप्पी साध रखी है। ठीक है लेकिन डरने वालों में से नहीं हूं श्रीमान गोस्वामी। और मुझे फर्क नहीं पड़ता कि तुम अपने शो पर कितनी बार मेरा नाम सीधे या घुमाकर लेते हो क्योंकि मैं तुम्हारे विचार को ढेला भर भी अहमियत नहीं देती। मुझे उम्मीद है कि मैं तुम्हारे लिए हमेशा वही रहूंगी जिसकी पत्रकारिता से तुम घृणा करोगे। और यक़ीन करो, यह घृणा इतनी परस्पर है कि किसी भी मुद्दे पर तुम्हारी तरफ़ होने का ख़्याल भी मेरे लिए मरने जैसा होगा !”
दरअस्ल, गोस्वामी ने 26 जुलाई को अपने शो ‘न्यूज़ ऑवर’ में अपनी चर्चा (Pro-Pak Doves Silent) में चर्चा के दौरान तमाम पत्रकारों को निशाने पर लिया था। चर्चा के दौरान भारत-पाक के बीच आर-पार का युद्ध न होने का अक्सर अफ़सोस ज़ाहिर करने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल जी.डी बख्शी ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों कुछ बड़े अखबारों ने बुरहान वानी की लाश की फोटो छापी ? ऐसा करना क्यों जरूरी था ? उनके मुताबिक ‘यह इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर का युग है। हम मीडिया के हमले का शिकार हो रहे
इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अर्णव गोस्वामी ने कहा कि ”जब लोग खुलेआम भारत का विरोध और पाकिस्तान व आतंकवादियों के लिए समर्थन ज़ाहिर करते हैं तो ऐसे लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए?” अर्णव ने कहा कि वे ऐसे लोगों को स्यूडो लिबरल्स (छद्म उदारवादी) कहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों पर मुकदमा चलना चाहिए। चर्चा के दौरान गोस्वामी ने एक बार यह भी कहा कि ‘मीडिया में कुछ खास लोग बुरहान वानी के लिए हमदर्दी दिखाते हैं। यह वही ग्रुप है जो अफजल गुरु के लिए काम करता है और उसकी फाँसी को साज़िश बताता है। अर्णव ने कहा कि मीडिया में छिपे ऐसे लोगों पर बात होनी चाहिए।
इसी बहस में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने सीधे बरखा दत्त की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोग आजकल हाफ़िज़ सईद को पसंद आ रहे हैं। दरअसल इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें हाफ़िज़ सईद ने बरखा दत्त की रिपोर्टिंग की तारीफ़ की है। यह कार्यक्रम नीचे देख सकते हैं…