प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गांधी को गोली मारने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया है। प्रज्ञा जिस आरएसएस विचारधारा के स्कूल से आती हैं वहां पर यह बात आम है। आरएसएस हमेशा से…
चौदहवीं लोकसभा के लिए आम चुनाव 1999 में सितंबर-अक्टूबर के दौरान हुए थे। इस लिहाज से 14वीं लोकसभा के चुनाव 2004 में सितंबर-अक्टूबर के दौरान होना थे, लेकिन भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन…
19 मई को लोकसभा की 60 सीटों के लिए चुनाव का सातवां और अंतिम चरण संपन्न होना है। इस चरण में बिहार में 8, झारखंड में 4, मध्य प्रदेश में 8, हिमाचल प्रदेश…
17वीं लोकसभा के लिए 2019 का आम चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव साबित होने की संभावना है। इस बात पर जानकार लोगों के बीच लगभग आम सहमति है. पर राजकीय और अराजकीय,…
देश में गठबंधन की राजनीति का दौर अपने शैशवकाल में ही था, लिहाजा राजनीतिक अस्थिरता का दौर भी जारी था। भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन यानी एनडीए की सरकार 1998 में महज तेरह…
पांच चरण के चुनाव के बाद रुझान और ज़्यादातर विश्लेषण बता रहे हैं कि एनडीए और यूपीए दोनों ही अपनी संख्या के दम पर बहुमत का आंकड़ा पार करने में सफल नहीं होंगे.…
जीवन भर कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार के दरबारी रहे और संयोगवश कांग्रेस के अध्यक्ष बने सीताराम केसरी की बेलगाम महत्वाकांक्षा और सनक भरी जिद के चलते महज दो साल से भी कम समय…
सोलहवीं लोकसभा के 2014 में हुए चुनाव में केंद्र में तब कांग्रेस के नेतृत्व वाले युनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (यूपीए) के खिलाफ तथा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के…
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कामकाज पर बहुत कुछ अच्छा और ख़राब कहा जा सकता है, लेकिन इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें कई…
1989 के आम चुनाव के बाद मंडल और कमंडल ने जहां भारतीय राजनीति का व्याकरण बदल दिया तो 1991 के आम चुनाव के बाद बनी पीवी नरसिंह राव की सरकार ने भारत की…
चंद्रशेखर सरकार के 6 मार्च, 1991 को इस्तीफे के साथ ही लोकसभा भंग हो गई और महज डेढ़ वर्ष के भीतर ही देश को मध्यावधि चुनाव का सामना करना पड़ा। चंद्रशेखर महज लगभग…
सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव के लिए मतदान के सात चरणों में से चार चरणों में 29 अप्रैल तक 375 सीटों के वास्ते वोटिंग पूरी हो गई है। पांचवें चरण में 6 मई को…
डर लग रहा है, दूध का दूध और पानी का पानी ना जाये। देशभक्त देशभक्ति के इम्तिहान में फेल ना हो जायें। वाराणसी के ही नहीं देशभर के राष्ट्रवादियों की परीक्षा है। जिनका…
दस साल (1989-1999), पांच आम चुनाव, खंडित जनादेश, त्रिशंकु लोकसभा, बनती-गिरती सरकारें, छह प्रधानमंत्री, लोकसभा में विश्वास-अविश्वास प्रस्ताव का सिलसिला, कांग्रेस का उभार, भाजपा का उभार, जनता दल नाम का बिखरता कुनबा, यथास्थितिवाद…
भारतीय राजनीति में परंपरागत रूप से दो तरह के नेता हैं। एक वे हैं जिन्हें पता है कि क्या करना है। एक वे हैं जिन्हें पता है कि क्या नहीं करना है। पहले…
प्रियंका गांधी की बनारस से उम्मीदवारी को हवा देकर अंत में न लड़ाने का फैसला करके कांग्रेस ने मोदी को ज़ोर का झटका धीरे से दे दिया है. मतलब शहर में एक दिलचस्प…
चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, मुकेश साहनी और शरद यादव जैसे हाइप्रोफाइल प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है। बिहार में किसकी सीटें अधिक रहेंगी, इसको लेकर तीन चरण के चुनाव जीतने…
12 मई 2016 को यह खबर अखबारों की सुर्खियां बनी कि 2008 के मालेगांव बम धमाकों के मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने तय किया है कि वह मुंबई की अदालत में…
आठवीं लोकसभा के लिए 1984 में हुआ आम चुनाव असाधारण था। लगभग दो दशक तक देश की राजनीति का केंद्र बिंदु बनी रहीं एक वीरांगना की हत्या हो गई थी। पहली बार देश…
सत्रहवें लोकसभा चुनाव के लिए भारत के बड़े राज्यों में से एक तमिलनाडु के 38 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग 18 अप्रैल को शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इसमें औसत 72 प्रतिशत का मतदान हुआ।…
शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक विशेष बेंच बैठा कर अपने आपको यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी कर लिया। न्याय के सभी सिद्धान्तों को धता बताते हुए आरोप के घेरे…
चाय है तो चर्चा है, चर्चा है तो चाय है, चाय पर चर्चा इस देश के चरित्र में शामिल है। जब कुछ है तो चाय है, जब कुछ नहीं है तो चाय है।…
आपातकाल के दुर्भाग्यपूर्ण कालखंड की कोख से 1977 में जिस नए गैर-कांग्रेसी प्रयोग का जन्म हुआ उसने 1980 आते-आते दम तोड़ दिया। जनता पार्टी में शामिल विभिन्न घटक दलों के नेताओं ने अपनी…
हमारे देश के संदर्भ में हमेशा यह बात कही जाती है कि भारत विविधताओं का देश है. हमारी राजनीति के बारे में कहा जाता रहा है कि भारतीय राजनीति संक्रमण से गुज़र रही…
इस देश का मतदाता ज्यादा ईमानदार है या नेता? इसे इस तरह भी पूछ सकते हैं कि दोनों में से ज्यादा बेईमान कौन है? अगर नेता बेईमान है तो इसका दोष मतदाता पर…