गुजरात या किसी भी चुनाव के बारे में भविष्यवाणी करना ख़तरे से ख़ाली नहीं होता, लेकिन अगर कुछ ऐसा हो रहा हो, जो पहले कभी न हुआ हो तो दर्ज करना भी ज़रूरी है। गुजरात में दलित उत्पीड़न के ख़िलाफ़ अलख जगाने वाले जिग्नेश मेवानी की आज देशव्यापी पहचान है। बीजेपी के ख़िलाफ़ माहौल बनाने में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकौर के साथ उनका नाम भी आता है। लेकिन जिग्नेश जिस तरह से दलितों को लामबंद कर रहे हैं, वह अपने आप में नई बात है।
जिग्नेश बीते करीब दस दिनों से गुजरात में घूम-घूमकर दलितों को शपथ दिला रहे हैं। यह शपथ है जीवन भर बीजेपी को वोट न देने की। लेकिन इसके लिए वो जो कह रहे हैं, वह सामाजिक समीकरणों में आ रहे बदलावों का संकेत देता है। वे बीजेपी को दलित ही नहीं, आदिवासी, किसान, मज़दूर, महिला, पटेल, ओबीसी विरोधी बताते हुए उसे हराने की शपथ दिलाते हैं। साथ में मुस्लिम विरोधी बीजेपी को भी हराने की बात करते हैं।
गुजरात में दशकों से जैसा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराया गया है, उसे देखते हुए यह अहम बात है। ख़ासतौर पर आरएसएस के व्हाट्सऐप ग्रुप राममंदिर और काबा को आमने –सामने रखकर प्रचार कर रहे हैं, वैसे में यह शपथ लोगों को जोड़ने का काम कर रही है। हाँलाकि जिग्नेश काँग्रेस या किसी को वोट देने की अपील नहीं कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी के ख़िलाफ़ इस तीखे प्रचार का फ़ायदा उसे ही मिलेगा, इसमें शक़ नहीं।
नीचे एक वीडियो है सुरेंद्रनगर जिला का। कल रात करीब 9 बजे लखपत तहसील बाज़ार में बने मंच पर जिग्नेश हैं और नीचे बड़ी तादाद में लोग खड़े हैं।जिग्नेश शपथ दिलाते हैं और लोग हाथ उठाकर उसे दोहराते हैं। गुजरात के राजनीतिक परिदृश्य में यह बिलकुल नई बात है। यह बात है- किसी समुदाय का यूँ जीवन भर बीजेपी को वोट न देने की सार्वजनिक रूप से शपथ लेना।
देखिए वीडियो पत्रकार नचिकेता देसाई के सौजन्य से-