तमिलनाडु के कार्टूनिस्ट जी.बाला को आज अदालत से बेल मिल गई। उन्हें एक कार्टून बनाने के जुर्म में तमिलनाडु सरकार ने कल गिरफ़्तार कर लिया था जिस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। चेन्नई के पत्रकारों ने आज इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था।
आख़िर कार्टूनिस्ट जी.बाला का गुनाह क्या था..? यह जानने के पहले सोचें कि कार्टूनिस्ट करता क्या है। वह तमाम सामाजिक राजनीतिक विसंगतियों को हमारे सामने इस तरह पेश करता है कि चेहरे पर मुस्कान और दिल में दर्द की लहर उठे। कार्टूनिस्ट जैसा साहसी भी कोई नहीं होता। कोई भी सत्ता हो, नेता या अफ़सर हो, कार्टूनिस्ट की कूची निर्भय चलती है तभी उसे इस विधा का आदमी माना जाता है।
तो हुआ ये था कि पी.एसक्किमुथू नाम के मज़दूर ने अपनी पत्नी और दो तथा चार साल की दो बेटियों के साथ तिरुनेवेली कलेक्ट्रेट के सामने आत्मदाह कर लिया था। उसने मुथुलक्ष्मी नाम के एक साहूकार से एक और बच्चे लाख 45 हज़ार रुपये उधार लिए थे। ब्याज़ के क़रीब 2 लाख 34 हज़ार रुपये चुकाने के बावजूद उसे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। उसने कलेक्ट्रेट में हर हफ़्ते होने वाली शिकायत निवारण बैठकों में छह बार इसकी शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
जी.बाला ने इस घटना से आहत होकर कार्टून बनाया जिसमें बच्चे के जलते जिस्म के सामने, निर्वस्त्र मुख्यमंत्री ई.पलानीस्वामी कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर नोटों की गड्डी से अपनी शर्म ढंके खड़े हैं। सोशल मीडिया में यह कार्टून वायरल हो गया।
तमिलनाडु पुलिस ने इसे मुख्यमंत्री का अपमान मानते हुए जी.बाला को गिरफ़्तार कर लिया था। उन्हें आईटी एक्ट के उल्लंघन और अश्लीलता तथा मानहानि से जुड़ी धाराओं में अंदर कर दिया गया। देश भर के पत्रकारों ने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला माना। कई वरिष्ठ पत्रकारों ने विरोध स्वरूप इस कार्टून को रीट्वीट भी किया।
36 वर्षीय जी.बाला तमिलनाडु के काफ़ी लोकप्रिय कार्टूनिस्ट हैं। फ्रीलांस कार्टूनिस्ट जी.बाला पहले भी राजनेताओं पर तीखे हमले के लिए चर्चित हो चुके हैं। अपने नए कार्टून को लेकर उन्होंने कहा कि एक मज़दूर परिवार के साथ आत्मदाह करने से वे बेहद आहत थे और उन्होंने कार्टून के ज़रिए अपनी प्रतिक्रिया दी थी।
.बर्बरीक