ABP News के अभिसार ने धान से गेहूं निकालकर रोटी बना दी, चैनल में किसी ने टोका तक नहीं!

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एबीपी न्‍यूज़ के पत्रकार अभिसार शर्मा ने बिलकुल राहुल गांधी की तर्ज़ पर फैक्‍ट्री से आलू पैदा कर दिया है। अभिसार एंसेफेलायटिस पर स्‍टोरी करने उत्‍तर प्रदेश के कुशीनगर गए थे। वहां धान के खेतों के बीच खड़े होकर उन्‍होंने एक ऐसा ब्‍लंडर कर दिया जिसकी अपेक्षा इस देश में रहने वाले किसी नागरिक से करने की फिलहाल तो नौबत नहीं आई है। फिर भी, जब एक वरिष्‍ठ पत्रकार धान और गेहूं का फ़र्क भूल जाए, तो आम लोगों के क्‍या कहने।
कुछ साल पहले बिलकुल ऐसी ही ग़लती अब बंद हो चुके न्‍यूज़ एक्‍सप्रेस नाम के एक चैनल में एक वरिष्‍ठ पत्रकार ने की थी जब बिहार में राजधानी एक्‍सप्रेस दुर्घटनाग्रस्‍त हुई थी। उन्‍होंने अपने पैकेज में गेहूं की फसल को धान का बता दिया था। बाद में फोन कर के ध्‍यान दिलाने पर पैकेज में तब्‍दीली की गई। शहरों के कॉरपोरेट न्‍यूज़रूम में बैठकर खेतीबाड़ी की सामान्‍य बातें अगर पत्रकारों को न समझ में आती हों, तो पत्रकारों को बाहर निकलना बंद कर देना चाहिए।
इस वीडियो को भारतीय जनसंचार संस्‍थान से निकले पत्रकार दीपांकर पटेल ने अपनी दीवार पर लगाकर एक टिप्‍पणी की थी। उस टिप्‍पणी के बाद मूल यूआरएल से वीडियो हटा लिया गया है। दीपांकर के सौजन्‍य से हम अभिसार के उस पीटीसी का हिस्‍सा मीडियाविजिल के पाठकों को उपलब्‍ध करवा रहे हैं, साथ में उनकी फेसबुक टिप्‍पणी भी नीचे है। वीडियो देखें और अपने सबसे प्रबुद्ध पत्रकारों के सामान्‍य ज्ञान पर माथा पीट लें। (संपादक)

 


दीपांकर पटेल

 

“पहली बात ये कि मैं अभिसार का विरोधी नहीं हूं।

तमाम हालिया मुद्दों पर उन्होंने जिस तरह बिना किसी डर और बेकाकी के अपनी राय रखी है उसका मैं कायल हूं” लेकिन…

नीचे लगे वीडियो को जरूर देखिए…

ABP न्यूज में रिपोर्टर, प्रोड्यूसर से लेकर एडीटर तक AC के मेंढक हो गए हैं। धान-गेहूं जैसी चीज का अन्तर तक भूल गए हैं। मैंने सुना है कि इन्हें ट्रेनिंग के दौरान रामचन्द्र गुहा पढ़ाते हैं… क्यों भाई?

दिखाना आपको हनीप्रीत है, पढ़ा ‘इंडिया आफ्टर गांधी’ रहे हैं… क्यों?

इसमें कोई शक नहीं कि ये अभिसार शर्मा की एक अच्छी और मार्मिक रिपोर्ट है…

ये इस देश की सबसे बड़ी महामारी जापानी इंसेफेलाइटिस की अंदरूनी पड़ताल है जो भावनाओं को कैद करके 20 मिनट की बना दी गई है। इस पूरी 20 मिनट की रिपोर्ट में कायदे से अगर देखा जाय तो आंकड़े वाइज डिटेल से पड़ताल बिल्कुल नहीं की गई है। न ही आपको ऐसा कुछ पता चलता है कि किस साल में कितने मरे कितने बच्चे ,यह आंकड़ा कैसे बढ़ रहा है? सरकार ने इस बीमारी से निपटने के लिए कितने पैसे लगाए? उन पैसो का क्या हुआ?? आदि….

लेकिन इसमें एक शर्मनाक गलती है… क्या?

अभिसार शर्मा धान-गेहूं एक कर दिए हैं।

फील्ड में गए रिपोर्टर से गलती हो जाती है ये आम बात है, लेकिन ABP न्यूज के प्रोड्यूसर, कैमरामैन और वीडियो एडीटर तक कॉमनसेंस भूल चुके हैं। सब के सब हनीप्रीत की हनी में डूबे हुए हैं।

आप ध्यान दीजिए यह कोई लाइव रिपोर्टिंग नहीं है, यह पहले शूट करके फिर पैकेज की गई रिपोर्ट है। रिपोर्ट ऑन एयर होने से पहले कितने हाथों और आंखों के सामने से गुजरती है, ये TV चैनल वाले बेहतर तरीके से जानते ही हैं।

लेकिन ABP के लोगों की आंखें तो हनीप्रीत की तरफ लगी हैं, हाथ और दिमाग कहां लगा है ये वो ही जानें।

अभिसार धान के खेत के आगे खड़े हो कर बोलते हैं, ‘धान का खेत यानी गेहूं, गेहूं मतलब रोटी”.

बताइये…?

इस बात को आप इस वीडियो में 17:30 मिनट पर देखिए।

शहरी पत्रकारों का ज्ञान समझ आ जायेगा…

शहर में रहने के बाद गांव वाले पत्रकार भी शहरी मेंढक हो जाते हैं, दिमाग फोटो गैलरी की तरह हो जाता है स्लाइड होता रहता है।

न कैमरामैन ने टोका, न एडीटर ने एडिट किया…

यही नहीं, एक बार आन एयर होने के बाद YouTube पर भी डाल दिया, लेकिन किसी को धान-गेहूं एक होता हुआ समझ नहीं आया।

अब आप जरूर सोच रहे होंगे, इतनी सी बात को तो मैं एक लाइन में भी कह सकता था। एबीपी न्यूज़ की इतनी खबर लेने की क्या जरूरत थी? तो आप यह बताइए ये लोग खबरों का क्या करते हैं?

आप 5 मिनट का पूरा पैकेज देखते हैं और पाते है कि आप बेवकूफ बन चुके हैं… आपको कुछ न्यूज गेन हुआ ही नहीं।

इसलिए इन्हें इन्हीं की भाषा में जवाब दिया है।

…टैग टू योर ABP न्यूज फ्रेंड…

और हां, ये वीडियो मैने डाउनलोड कर लिया है, कहीं इसी लिंक पर एडिट करके दूसरा वीडियो डाल दें और मुझसे हनीप्रीत-हनीप्रीत खेलें।