बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों पर लाठीचार्ज के अगले दिन माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन शाम को सड़कों पर दमन के खिलाफ उतरा शांति जुलूस एक बड़ा संदेश दे गया। शहर के नामी गिरामी बौद्धिक, सामाजिक कार्यकर्ता, सर्वदलीय प्रतिनिधि, शिक्षक, नागरिक समाज के लोग और भारी संख्या में नौजवान एक साथ कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी के तानाशाही रवैये के खिलाफ़ तने खड़े रहे और उन्होंने शांति मार्च निकाला।
इससे पहले दिन में परिसर के भीतर सर सुंदरलाल चिकित्सालय के डॉक्टरों ने भी छात्राओं के अनुशासित धरना प्रदर्शन पर हुए पुलिसिया दमन का विरोध करते हुए काली पट्टियां बांधीं और प्रदर्शन किया था। रविवार की सुबह जैसे-जैसे पूरे देश में आधी रात हुई हिंसा की खबर फैली, वैसे-वैसे हर शहर में इस घटना को लेकर प्रदर्शनों की योजना बनने लगी। बनारस में दिन भर हलचल रही और शाम विरोध प्रदर्शन से लाल हो गई।
वरिष्ठ पत्रकार आवेश तिवारी लिखते हैं: “ग्रेस और वाम के नेताओं ने बड़प्पन दिखाया और आज शाम के विरोध में शामिल रहे। राज बब्बर ,राजेश मिश्रा सरीखे नेता आगे आये हैं,गिरफ्तारियां दी हैं। अब यह आंदोलन और जिलों में न पहुंचे इसके इंतजाम कर लिए गए है,सभी कालेज बंद रहेंगे। इस आंदोलन का हश्र हमे पता है उस पर चर्चा बाद में। योगी सरकार ने प्रशासन को पत्रकारों से मिलकर काम करने को कहा है। बनारस के बुजुर्ग कलेक्टर की तारीफ करनी होगी पिछले 36 घंटों से वो सोया नही है हांलाकि न वीसी उसकी सुनते हैं न ही और कोई अधिकारी। कुलपति जी सी त्रिपाठी की मुस्कुराहट लगभग वैसी ही है जैसे हमेशा होती थी।”
इधर, दिल्ली में भी जंतर-मंतर पर कुछ उत्साही युवाओं ने मिलकर आनन-फानन में एक प्रदर्शन कर डाला हालांकि सोमवार को दो बड़े व्यवस्थित विरोध प्रदर्शनों की योजना है। एक प्रदर्शन दिन में साढ़े बारह बजे यूपी भवन पर होगा और उसके बाद जंतर-मंतर पर शहर भर के महिला संगठन, छात्र संगठन और सामाजिक संगठन मिलकर बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
सोमवार को ही लखनऊ और कानपुर में भी बीएचयू के मुद्दे पर प्रदर्शन आयोजित हैं। दिल्ली से कुछ टीमें बनारस गई हैं और सोमवार को लखनऊ से कुछ कार्यकर्ता बनारस पहुंच रहे हैं। इस आंदोलन की आंच पूरे राज्स में न फैलने पाए, इसलिए एहतियातन सूबे के तमाम कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है। बीएचयू को छात्र-छात्राओं से तकरीबन खाली करवा लिया गया है।
#Varanasi: Students' protest march at #BHU; Congress leaders PL Punia, Raj Babbar & Ajay Rai detained by police ahead of their participation pic.twitter.com/PaO1yV4gNa
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 24, 2017