दिल्ली हाई कोर्ट ने यूपी पुलिस को जमकर फटकार लगाई है। दरअसल, यूपी पुलिस पर आरोप है कि उसने एक युवती से उसके परिवार की इच्छा के खिलाफ शादी करने वाले एक व्यक्ति के भाई और पिता को दिल्ली पुलिस को सूचित किये बगैर गिरफ्तार किया है।
“यहां अवैध काम नहीं कर सकते”
इस मामले में यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा, “यहां दिल्ली में इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी, आप यहां अवैध काम नहीं कर सकते। ऐसा यूपी में चलता होगा यहां नहीं।” न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने दंपति की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही सामान्य कानून है कि दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले व्यक्तियों को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उन्हें सूचित किए बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
यूपी पुलिस ने तथ्यों को जाने भी गिरफ्तारियां की..
अदालत ने 26 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा था, “कोई यह समझ नहीं पाया कि याचिकाकर्ता नंबर एक (युवती) बालिग है। उसने अपनी मर्ज़ी से अपने माता-पिता का घर छोड़ याचिकाकर्ता नंबर 2 (युवक) से शादी की है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 366 और धारा 368 के तहत यह अपराध कैसे हुआ?” अदालत ने संबंधित कर्मियों को नोटिस भी जारी किया और कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने तथ्यों का पता लगाए बिना, या जाने बिना कि याचिकाकर्ता नंबर एक बालिग है या नाबालिग गिरफ्तारियां की है।”
यूपी पुलिस ने नही दी थी दिल्ली आने की जानकारी..
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि लड़की की मां की शिकायत के सिलसिले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले आठ सितंबर को लड़के के परिवार वालों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के शामली से यूपी पुलिस के दिल्ली आने की कोई जानकारी भी नहीं दी गई थी।
क्या था मामला?
इस दंपति ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने परिवार की मर्ज़ी के खिलाफ बिना किसी दबाव में जुलाई में अपनी मर्जी से शादी की थी, मगर अब उन्हें धमकियां मिल रही हैं। दंपति ने कहा कि लड़के के पिता और भाई को यूपी पुलिस ले गई और एक महीने से अधिक समय से उनका कुछ पता नहीं है।