अपराध की एक संगीन घटना में पीडि़त द्वारा लिखवाई गई तहरीर और हिंदूवादी संगठनों द्वारा उसके प्रचार ने घटना को सांप्रदायिक रंग दे दिया है। मामला आज़मगढ़ के सरायमीर का है जहां मोबाइल चोरी के आरोपी एक शख्स को कुछ युवकों ने बिजली का करंट देकर प्रताडि़त किया था लेकिन पीडि़त ने अपनी तहरीर में इस घटना को ‘मोदी’ और ‘योगी’ से जोड़कर अलग ही रंग दे डाला। जांच अधिकारी का बयान आया कि घटना सामान्य मोबाइल चोरी की है और पीडि़त ने ‘तहरीर को ट्विस्ट’ किया है, बावजूद उसके News18 ने जांच अधिकारी का बयान नज़रंदाज करते हुए हेडिंग चला दी ‘पीएम मोदी को अपशब्द कहने पर टोका तो दी तालिबानी सज़ा‘।
इसके बाद की कहानी वही है जो इस देश में रोज़ हो रहा है। हिंदूवादी वेबसाइटें इस हेडिंग और ख़बर को ले उड़े और भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने इसे इतना फॉरवर्ड किया कि ख़बर सोमवार रात तक रंग बदल कर वायरल हो गई। ऐसा तब हुआ जबकि बाकी सारे मीडिया ने तहरीर में ‘मोदी’ वाले ऐंगल को छुआ तक नहीं और जांच अधिकारी का बयान भी चलाया।
मामला कुछ यों है कि छत्तीसगढ़ से मीडियाविजिल के एक पाठक ने सोमवार की देर रात सूचना दी कि उनके यहां बीजेपी के लोग एक वीडियो वायरल कर रहे हैं जिसमें एक व्यक्ति को करंट लगाते हुए दिखाया गया है। पाठक ने जो वीडियो लिंक भेजा, उसे शंखनाद नाम के एक फेसबुक पेज पर सोमवार की ही रात साझा किया गया था निम्न सूचना के साथ:
Viewer Discretion Advised
UP: A man was electrocuted by Ayub, Yusuf & their accomplices only because he asked them not to abuse Modi. They cut his finger too.
You may want to ignore this incident because the victim’s name is Shivkumar Verma & not Junaid or Akhlaq.
संदेश में मूल वीडियो का लिंक लगा है जो मुकेश अम्बानी के मालिकाने वाली वेबसाइट News18 का है। संदेश कहता है कि ”अयूब, यूसुफ़ और उनके लोगों ने एक व्यक्ति को इसलिए बिजली का झटका दिया क्योंकि उसने उन्हें मोदी को अपशब्द कहने से रोका था। उन्होंने उसकी उंगलियां भी काट दीं। आप इस घटना को नज़रंदाज करना चाहेंगे क्योंकि पीडि़त का नाम जुनैद या अख़लाक नहीं, शिवकुमार वर्मा है”।
बड़ी सफ़ाई से और विनम्र शब्दों में किए गए ‘प्रचार’ वाले इस वीडियो के बीते 14 घंटे में करीब 5,000 शेयर अकेले शंखनाद के फेसबुक पेज से हो चुके हैं। इसे कुछ और वेबसाइटों ने भी अपने यहां से साझा किया है। जांच अधिकारी के मुताबिक हकीकत यह है कि घटना का ‘मोदी’ के नाम से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन News18 ने जबरन अपनी ख़बर की हेडिंग में मोदी का नाम डालकर इसे सनसनीखेज बना दिया है।
इस वीडियो की पड़ताल करते हुए मीडियाविजिल ने पाया कि यह एक मोबाइल चोरी करने वाले व्यक्ति को दी गई बर्बर प्रताड़ना का वीडियो है जिसमें ‘मोदी’ का एंगल जोड़कर इसे सनसनीखेज और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है। ज़ाहिर है, इसमें उस अतिरंजित तहरीर का प्राथमिक योगदान है जिसे पीडित ने पुलिस में दर्ज करवाया है।
वीडियो को कथित तौर पर सबसे पहले नेशनल वॉयस नाम के चैनल ने ‘एक्सक्लूसिव’ बैंड के साथ चलाया था और खबर में बताया गया था कि कुछ बदमाशों ने आज़ममढ़ में एक मोबाइल चोरी के आरोपी को बिजली का करंट लगाने की बर्बर सज़ा दी है। बिलकुल यही बात अमर उजाला के स्थानीय संस्करण में छपी ख़बर में भी है। इसके अलावा पंजाब केसरी यूपी, azmlive.in, uttarpradesh.org, हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स आदि में भी यही ख़बर छपी है।
https://youtu.be/Y_ZJLsR2YEw
नवभारत टाइम्स की ख़बर में ‘मिरर नाउ’ का एक वीडियो लगा है जिसमें जांच अधिकारी नरेंद्र प्रताप सिंह का बयान है। उनका कहना है कि मामला मोबाइल चोरी का ही है और मोबाइल को लेकर बच्चों में आपस में झगड़ा हुआ था। सिंह का कहना है कि जिस शख्स की पिटाई हुई है उसने ”तहरीर को ट्विस्ट” किया है। सिंह कहते हैं, ”तहरीर में जो मामला लिखवाया वह मामला ऐसा नहीं है। मोबाइल चोरी का ही है।”
इस मामले में अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बिजली का करंट लगाए जाने की घटना वाकई बर्बर है लेकिन इसे जिस तरह से सांप्रदायिक रंग दिया गया है, वह दिखाता है कि एक अपराध की घटना को कैसे बड़ा बनाया जा सकता है।
दिलचस्प है कि शंखनाद के फेसबुक पेज और News18 की ख़बर में आरोपी का जो बयान चल रहा है, वह आधा-अधूरा है और इसमें चार बार बीप का प्रयोग किया गया है जहां-जहां पीडि़त ने आरोपियों के मत्थे कुछ भद्दी गालियां मढ़ दी हैं। इसके बाद का आधा बयान ‘मिरर नाउ’ पर है।