महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर आज महागठबंधन ने बिहार में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ मानव श्रृंखला का आयोजन किया। मानव शृंखला में किसानों, खेतिहर मजदूरों और बटाईदार किसानों के साथ साथ महिलाओं और बुद्धिजीवियों ने अपनी जोरदार ताकत दिखलाई। बिहार के शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक 12.30 बजे से लेकर 1 बजे तक मानव शृंखला आयोजित की गई। पटना में 12 बजे से ही बुद्धा स्मृति पार्क से लाइन लगनी शुरू हो गई, जो डाकबंगला होते हुए रेडियो स्टेशन की ओर बढ़ती गयी। पूरा फ्रेजर रोड कृषि कानून विरोधी नारों की तख्तियों व लाल झंडे के सैलाब से जैसे उमड़ पड़ा था। महागठबंधन के दलों राजद, भाकपा-माले, सीपीआई, सीपीआईएम, कांग्रेस के अलावा मजदूर-किसान-छात्र-महिला संगठनों ने भी आज के कार्यक्रम में अपनी भागीदारी निभाई। वहीं, माले के विधायकों ने अपने-अपने इलाकों में मोर्चा संभाला।
बुद्धा स्मृति पार्क के पास राजद नेता व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य के साथ राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह व राज्यसभा सदस्य मनोज झा सीपीआईएम के अवधेश कुमार, सीपीआई के रामबाबू कुमार व कांग्रेस के राज्यस्तरीय नेताओं के अलावा अखिल भारतीय किसान महासभा, ऐक्टू, खेग्रामस, आइसा, आरवाईए आदि संगठनों के कार्यकर्ता मानव शृंखला में शामिल हुए।
माले राज्य सचिव कुणाल, धीरेन्द्र झा, अमर, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बिहार-झारखंड प्रभारी राजाराम सिंह, अखिल भारतीय किसान महासभा के वरिष्ठ नेता केडी यादव, शिवसागर शर्मा, राजेन्द्र पटेल, ऐपवा की मीना तिवारी, शशि यादव, सरोज चैबे, ऐक्टू के आरएन ठाकुर, रणविजय कुमार, आरवाईए के सुधीर कुमार, विनय कुमार, आइसा के विकास यादव, दानिश, प्रियंका प्रियदर्शीनी, कार्तिक पासवान आदि नेताओं ने इसका नेतृत्व किया।
मानव शृंखला के दौरान नेता प्रतिपक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि किसान आंदोलन के पक्ष में आज शीतलहर और ठंड के बावजूद बिहार में महागठबंधन की मानव श्रृंखला अभूतपूर्व रूप से सफल रही। खास बात यह रही कि इसमें लोग गाँव स्तर तक स्वेच्छा से शामिल हुए। तेजस्वी यादव ने कहा कि पूँजीपतियों की गोद में खेलने वाली सरकार के विरुद्ध पूरे देश का किसान जाग रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार की नीतियों ने बिहार के किसानों को मज़दूर बना दिया है। हमारी लड़ाई सिर्फ़ किसानों की भलाई के लिए है। हम लगातार किसानों, जवानों, छात्रों और बेरोजगारों के पक्ष में मज़बूती से लड़ते रहेंगे।
माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि किसान आंदोलन देश में नई ऊंचाई ग्रहण कर रहा है। 26 जनवरी को आयोजित किसानों की परेड में हुई छिटपुट घटना की आड़ में मोदी सरकार आंदोलन को कुचलना चाहती थी। दिल्ली बाॅर्डर व यूपी में कुचलने की साजिशें आरंभ भी हो गई थीं। लेकिन मोदी-योगी की तानाशाही के खिलाफ पूरा पश्चिम उत्तरप्रदेश उठ खड़ा हुआ। आज बिहार में मानव शृंखला लगाई जा रही है। भाजपा के लोग दुष्प्रचारित कर रहे थे कि बिहार में किसान आंदोलन नहीं है। आज वे अपनी आंखों से देख लें कि पंजाब-हरियाणा-यूपी-बिहार यानि पूरा देश मोदी सरकार के खिलाफ उठ खड़ा हो रहा है। बिहार में एमएसपी को कानूनी दर्जा देने और एपीएमसी एक्ट पुनर्बहाल करने की मांग भी पुरजोर तरीके से उठ रही है।
माले महासचिव ने कहा कि कुछ लोगों की समझदारी थी कि बिहार में महागठबंधन केवल चुनाव भर का गठबंधन है। ऐसा बिल्कुल नहीं है। महागठबंधन आंदेालन का गठबंधन बनता जा रहा है। हम सब एक साथ खड़े हैं। बिहार में महागठबंधन किसानों व संविधान के साथ खड़ा है। जब तक कानून वापस नहीं होंगे, हम आंदोलन जारी रखेंगे।
पटना में इकनम टैक्स गोलबंर और समनपुरा के इलाके में भी मानव शृंखला बनाई गई। समनपुरा की शृंखला में महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी दिखी। फुलवारीशरीफ में विधायक गोपाल रविदास तथा पालीगंज में संदीप सौरभ ने दसियों किलोमीटर लंबी मानव शृंखला का नेतृत्व किया।
भोजपुर के पीरो, सहार, अगिआंव, आरा, जगदीशपुर आदि प्रखंड मुख्यालयों पर शृंखला बनाई गई। इन कार्यक्रमों में विधायक सुदामा प्रसाद, मनोज मंजिल, माले के युवा नेता राजू यादव आदि शामिल हुए। राज्यव्यापी आह्वान के तहत चंपारण में बेतिया स्टेशन चैक पर माले विधायक बीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में दसियों किलोमीटर लंबी मानव शृंखला आयोजित की गई। मुजफ्फरपुर में महागठबंधन के साथ-साथ इंसाफ मंच के भी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। सकरा, कुढ़नी, मुरौल, औराई आदि स्थानों पर मानव शृंखला आयोजित हुई।
मधुबनी के जयनगर में महात्मा गांधी व बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण करके लंबी शृंखला लगी। बक्सर में एनएच 84 पर दो स्थानों ज्योति चैक व ब्रह्मपुर में आयोजित हुई। जहानाबाद में मानव श्रृंखला का नेतृत्व विधायक रामबलि सिंह यादव ने किया। महबूब आलम ने बारसोई, अरूण सिंह ने काराकाट, अरवल में महानंद सिंह, सिवान में सत्यदेव राम आदि विधायकों ने आज की मानव शृंखला का नेतृत्व किया। सारण, गोपालगंज, भागलपुर, नवादा, पूर्णिया, गया, औरंगाबाद, कैमूर, समस्तीपुर आदि तमाम जिला मुख्यालयों पर लंबी कतारें दिखीं।
मानव श्रृंखला की झलकियां
तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ महागठबंधन के आह्वान पर आहूत मानव श्रृंखला का पूरे बिहार में असर देखा गया। आम लोगों ने इस कार्यक्रम को अपना समर्थन देते हुए लंबी-लंबी कतारें लगाईं। जीटी रोड सहित सभी राष्ट्रीय पथों, राज पथों पर भाकपा-माले व महागठबंधन के अन्य दलों ने अपनी ताकत दिखलाई। गया जिले में जीटी रोड यानि एनएच 2 पर बाराचट्टी से लेकर शेरघाटी तक लंबी मानव शृंखला आयोजित की गई। गया-डोभी मार्ग एनएच 83 पर बोधगया में आयोजित मानव शृंखला में सैंकड़ों की तादाद में किसानों की भागीदारी हुई।
अरवल में एनएच 139 व एनएच 110 पर मानव शृंखला आयोजित हुई। इसमें लगभग एक हजार किसानों की भागीदारी हुई। जहानाबाद शहर में पटना-गया मुख्य मार्ग पर सड़क के किनारे-किनारे लंबी कतारें लगीं। सिवान जिले में इस आह्वान का खासा असर देखा गया। वहां शहर में कचहरी ढाला से जेपी चौक होते हुए बबुनिया मोड़ तक एक लंबी कतार लगी। शहर में ही आंदर ढाला से ओवरब्रिज होते हुए सिवान रेलवे स्टेशन तक भी मानव शृंखला आयोजित की गई। मैरवां में मैरवा धाम से गुठनी मोड़ तक, गुठनी चौराहा से सिवान रोड तक, दरौली चौराहा आदि तमाम जगहों पर लंबी कतारें दिखीं। गोपालगंज में गोपालगंज शहर में मौनियां चौक से पोस्ट ऑफिस तक शृंखला का आयोजन हुआ। भोरे प्रखंड मुख्यालय पर भी लंबी कतार लगी।
समस्तीपुर के ताजपुर में ढोल, मंजीरे, डफली लेकर माले कार्यकर्ताओं व महागठबंधन के समर्थकों ने मानव शृंखला लगाई और फिर शहर में गाते-बजाते, कृषि कानूनों को वापस करने के नारे लगाते हुए आकर्षक मार्च भी निकाला। मार्च में महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय थी। समस्तीपुर शहर में कलेक्टेरियट के समीप कतार लगी। दरभंगा में एनएच 57 पर शिवधारा (बाजार समिति के समीप), जीवछ गाछ से मोरिया तक, जिला मुख्यालय में समाहरणालय के समक्ष और जाले कमतौल पथ पर कतारें लगाई गईं। लोहिया चरण सिंह काॅलेज के शिक्षक-कर्मचारियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर आज की मानव शृंखला का समर्थन किया और सड़क पर उतर कर अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। मब्बी में मनरेगा मजदूर सभा के बैनर से ग्रामीण मजदूरों ने भी आज की मानव शृंखला का समर्थन किया और अपनी भागीदारी निभाई।
मुजफ्फरपुर में जिला मुख्यालय सहित प्रखंड मुख्यालयों और कई गांव-पंचायतों में आज के कार्यक्रम को लागू किया गया। एनएच 57 पर बोचहां से लेकर गायघाट तक लगभग 10 किलोमीटर लंबी शृंखला बनाई गई। शहर में इंसाफ मंच के कार्यकर्ताओं ने लंबी कतारें सृजित कीं। सकरा, मुरौल, औराई सहित सभी प्रखंड मुख्यालयों पर भी कतारें लगीं। मुजफ्फरपुर-हाजीपुर हाईवे पर तुर्की करहनी के पास लंबी लाइन लगी। शहर के सराउंडिंग एरिया में भी कतारें लगाई गईं। भगवानुपर, जीरो माइल, रामदयालू चौक, गोबरसही आदि तमाम गोलबंरों के इर्द-गिर्द लोग खड़े हुए और तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग की।
भोजपुर में आरा शहर में स्टेशन गोलबंर से नवादा चौक तक और जगदीशपुर व पीरो अनुमंडल कार्यालयों पर लंबी कतारों का आयोजन हुआ। बक्सर में एनएच 84 पर दो स्थानों ज्योति चैक व ब्रह्मपुर में शृंखला आयोजित हुई, जिसमें हजारों किसानों की भागीदारी हुई। हिलसा में बड़ी संख्या में वकील समुदाय के लोग सड़क पर उतरे और मानव शृंखला का हिस्सा बनकर किसान आंदोलन का समर्थन किया। इंसाफ मंच के कार्यकर्ता भी आज के कार्यक्रम में पुरजोर तरीके से उतरे। हिलसा के अलावा कराय, इसलामपुर, एकंगर सराय, परवलपुर, थरथरी, नगरनौसा, चंडी, हरनौत आदि प्रखंड मुख्यालयों पर बड़ी संख्या में आम लोग मानव शृंखला में शामिल हुए।
हाजीपुर में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर किसान नेताओं ने गांधी चौक पर एक दिवसीय उपवास व सत्याग्रह किया। त्रिमूर्ति चैक से समाहरणालय तक मानव शृंखला का भी आयोजन किया। सीतामढ़ी के परसौनी, बथनाहा, चुरौत और शहर में मेहसौली चैक से विशाल मानव शृंखला बनाई गई। चंपारण के सिकटा में मुस्लिम महिलाओं की व्यापक भागीदारी आज की मानव शृंखला में देखी गई। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चलने वाले आंदोलन में शामिल महिलाओं ने किसान आंदोलन का समर्थन किया और वे मानव शृंखला की हिस्सा बनीं। पूर्णिया के रूपौली में माले कार्यकर्ताओं ने कतारें लगाईं।
पालीगंज में पटना-औरंगाबाद रोड पर दसियों किलोमीटर की शृंखला बनी। फतुहा, दुल्हिनाबाजार, मसौढ़ी आदि प्रखंड मुख्यालयों पर भी कतारें लगीं। अन्य जिला मुख्यालयों पर भी आज का कार्यक्रम लागू हुआ। रोहतास, कैमूर, जमुई, लखीसराय, कटिहार, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, सारण, सुपौल आदि जिला मुख्यालय पर भी लाल झंडे का हुजूम दिखलाई पड़ा।
बेगूसराय में बेगूसराय व बलिया में एनएच 31 पर माले कार्यकर्ताओं ने कतारें लगाईं। तेघड़ा, नावकोठी आदि प्रखंड मुख्यालयों पर भी लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। भागलपुर में एनच 80 और नवगछिया में एनएच 31 पर यह शृंखला लगी। खगड़िया में भी यह कार्यक्रम लागू हुआ।