लल्लू के क़दमों में पुलिस की ज़ंजीर, नहीं जाने दिया क़त्ल हुए संजीत यादव के घर!

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उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को आज एक बार फिर यूपी की पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अजय कुमार लल्लू कानपुर संजीत यादव के परिजनों से मिलन जा रहे थे। संजीत यादव कानपुर की एक पैथलॉजी में काम करते थे, जिनकी अपहरण के बाद हत्या कर दी गई है। इस मामले में पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष को कानपुर जाने से रोकने के लिए कांग्रेस दफ्तर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, लल्लू जैसे ही कानपुर जाने के लिए निकले पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके एको गॉर्डन ले गई। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ काफी बहस भी हुई।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार बताएं कि मैं संजीत यादव के परिजनों से क्यूँ नहीं मिल सकता? क्या पीड़ित परिजनों का दर्द जानना गुनाह है?

मुख्यमंत्री लोकतंत्र की हत्या पर क्यूँ आमादा है?

उन्होंने कहा कि हम अकेले जा रहे है, हमारा अधिकार है मिलने का। भाजपा जान लें कितनी भी पुलिस लगा लें मुझे संजीत यादव के परिजनों से मिलने से रोक नहीं सकती।

यूपी कांग्रेस ने कहा है कि योगी सरकार अपराधियों पर नरम है लेकिन दुख दर्द बांटने के लिए जा रहे लोगों पर धमक जमा रही है। यूपी पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर आकर यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष श्री अजय लल्लू जी को कानपुर जाने से रोक लिया। आखिर किस चीज से डरती है यूपी सरकार?

बता दें कि कानपुर के बर्रा के रहने वाले युवक संजीत एक पैथोलॉजी में काम करता था, 22 जून की रात घर लौटते समय बदमाशों ने उसका अपहरण कर लिया था। बदमाशों ने युवक के पिता से 30 लाख की फिरौती मांगी थी। युवक के पिता ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने बदमाशों को 30 लाख की फिरौती दिलवा दी, लेकिन उनका बेटा वापस नहीं लौटा। युवक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनसे कहा था कि वो पैसों का इंतजाम कर लें, हम पैसे देते वक्त अपराधियों को पकड़ लेंगे। लेकिन बदमाश पैसे लेकर चलते बने। वहीं अब करीब एक महीने बाद शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा किया कि बदमाशों ने अपहरण के चौथे दिन ही संजीत की हत्या कर दी थी। मामले में संजीत के दो दोस्तों सहित चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

कानपुर के एसएसपी का कहना है कि बर्रा थाने पर 23 जून को शिकायत दर्ज हुई थी, 26 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी। 29 जून को फिरौती का कॉल आया। इसे लेकर क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल की टीम गठित की गई। इस टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें संजीत के साथ पैथोलॉजी में काम कर चुके लोग शामिल हैं। इनके द्वारा कबूला गया कि संजीत की इन्होंने 26 या 27 जून को ही हत्या कर दी थी और शव पांडु नदी में बहा दिया है। एसएसपी ने कहा कि शव की तलाश की जा रही है।

हिरासत में लिये गये यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को पुलिस ने शाम को छोड़ा। उधर, कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने कानपुर में संजीव यादव जी के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। कांग्रेस पार्टी ने यूपी सरकार से पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्यवाई करने की मांग की है।

 

संजीत यादव की हत्या को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी योगी सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर रहा कि “उप्र में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है। घर हो, सड़क हो, ऑफिस हो कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता।

विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या। खबरों के मुताबिक पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और अब उनकी हत्या कर दी गई। एक नया गुंडाराज आया है। इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है”।


 


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