कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत चीन विवाद को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने अपने वीडियो सीरीज ‘ट्रूथ विद राहुल गांधी’ की अगली कड़ी में तीसरा वीडियो संदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि चीन से कैसे निपटना चाहिए। इसके साथ ही राहुल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के पास चीन से निपटने की कोई तय रुपरेखा नहीं है इसलिए चीन हमारी सीमा में घुसा।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 100 फीसदी फोकस अपनी इमेज बनाने पर है। सारी संस्थाएं, जिनके अधिकार छीन लिए गए हैं, वो भी इसी काम में जुटी हुई हैं। सिर्फ एक व्यक्ति की छवि चमकाना राष्ट्रीय दृष्टिकोण का विकल्प नहीं हो सकता”।
PM is 100% focused on building his own image. India’s captured institutions are all busy doing this task.
One man’s image is not a substitute for a national vision. pic.twitter.com/8L1KSzXpiJ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 23, 2020
राहुल गांधी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि “आपको चीनियों के साथ मानसिक मजबूती से निपटना पड़ेगा। प्रश्न है कि भारत को चीन से कैसे निपटना चाहिए? यदि आप उनसे निपटने के लिए मजबूत स्थिति में हैं तभी आप काम कर पाएंगे। उनसे वो हासिल कर पाएंगे, जो आपको चाहिए, और यह सचमुच किया जा सकता है। लेकिन यदि उन्होंने कमजोरी पकड़ ली तो, फिर गड़बड़ है।” उन्होंने कहा कि “आप बगैर किसी स्पष्ट दृष्टिकोण के चीन से नहीं निपट सकते। मैं केवल राष्ट्रीय दृष्टिकोण की बात नहीं कर रहा। मेरा मतलब अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से है।”
राहुल गांधी ने कहा कि “बेल्ट एंड रोड, यह धरती की प्रकृति को बदलने का प्रयास है। भारत को वैश्विक दृष्टिकोण अपनाना ही होगा। भारत को अब एक विचार बनना होगा और वह भी वैश्विक विचार। दरअसल बड़े स्तर पर सोचने से ही भारत की रक्षा की जा सकती है। जाहिर सी बात है कि सीमा विवाद भी है और हमें इसका समाधान भी करना है। लेकिन हमें अपना तरीका बदलना होगा, हमें अपनी सोच बदलनी होगी। इस जगह हम दोराहे पर खड़े हैं, अगर हम एक तरफ जाते हैं तो हम बड़ी भूमिका में आएंगे और अगर दूसरी तरफ चले गए तो हम अप्रसांगिक हो जाएंगे”।
राहुल ने कहा कि “मैं चिंतित हूं, क्योंकि मैं देख रहा हूं कि एक बड़ा अवसर गंवाया जा रहा है। क्यों ? क्योंकि हम दूर की नहीं सोच रहे। क्योंकि हम बड़े स्तर पर नहीं सोच रहे। और क्योंकि हम अपना आंतरिक संतुलन बिगाड़ रहे हैं। हम आपस में लड़ रहे हैं। जरा राजनीति की तरफ देखिए दिनभर, सारा दिन भारतीय आपस में लड़ रहे हैं और इसका कारण है- आगे बढ़ने के लिए किसी स्पष्ट दृष्टिकोण का नहीं होना। मैं जानता हूं कि प्रधानमंत्री प्रतिद्वंदी हैं, मेरी जिम्मेदारी उनसे प्रश्न पूछने की है। मेरा दायित्व है कि मैं प्रश्न पूंछूं, दबाव डालूं, ताकि वो काम करें। उनकी जिम्मेदारी है कि वो दृष्टिकोण दें, जो कि नहीं हो रहा है। मैं दावे से आपको कहता हूं कि दृष्टिकोण नहीं है। और इसीलिए ही आज चीन भारत भूमि पर घुसा है”।