सांप्रदायिकता की स्याही में डूबा ‘अमर उजाला’, छिनैतों को लिखा-‘मुस्लिम लुटेरे !’

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आज 23 मार्च है, भगत सिंह का ‘शहादत दिवस’। पहले पढ़िए कि ‘सांप्रदायकि दंगे और उनका इलाज’ शीर्षक से भगत सिंह ने अपने लेख में अख़बारों के बारे में क्या लिखा—

‘दूसरे सज्जन जो साम्प्रदायिक दंगों को भड़काने में विशेष हिस्सा लेते रहे हैं, वे अखबार वाले हैं। …पत्रकारिता का व्यवसाय जो किसी समय बहुत ऊँचा समझा जाता था, आज बहुत ही गन्दा हो गया है। यह लोग एक-दूसरे के विरुद्ध बड़े मोटे-मोटे शीर्षक देकर लोगों की भावनाएँ भड़काते हैं और परस्पर सिर-फुटौव्वल करवाते हैं। एक-दो जगह ही नहीं, कितनी ही जगहों पर इसलिए दंगे हुए कि स्थानीय अखबारों ने बड़े उत्तेजनापूर्ण लेख लिखे हैं। ऐसे लेखक जिनका दिल व दिमाग़ ऐसे दिनों में भी शान्त रहा हो, बहुत कम हैं।

अखबारों का असली कर्तव्य शिक्षा देना, लोगों से संकीर्णता निकालना, साम्प्रदायिक भावनाएँ हटाना, परस्पर मेल-मिलाप बढ़ाना और भारत की साझी राष्ट्रीयता बनाना था; लेकिन इन्होंने अपना मुख्य कर्तव्य अज्ञान फैलाना, संकीर्णता का प्रचार करना, साम्प्रदायिक बनाना, लड़ाई.झगड़े करवाना और भारत की साझी राष्ट्रीयता को नष्ट करना बना लिया है। यही कारण है कि भारत वर्ष की वर्तमान दशा पर विचार कर आँखों से रक्त के आँसू बहने लगते हैं और दिल में सवाल उठता है कि ‘भारत का बनेगा क्या?’

अब ज़रा दूसरे हिंदी अख़बारों की तुलना में ‘होशमंद’ कहा जाने वाला अख़बार ‘अमर उजाला’ का हाल पढ़िए जो बदलते निज़ाम में शर्म-ओ-हया की सारे नक़ाब उतार फेंकने पर उतारू है। सांप्रदायिकता की ज़हरबुझी ख़बरें उसकी नई पहचान हैं। पत्रकारिता का सामान्य सा छात्र भी जानता है कि अपराधियों को उनके जाति-धर्म से नहीं जोड़ा जाता, लेकिन ‘अमर उजाला’ बाक़ायदा हेडलाइन में ‘मुस्लिम लुटेरे’ जैसा शब्द-पद इस्तेमाल कर रहा है।

‘छिनैती’ एक ऐसा अपराध है जिससे शायद ही कोई शहर बरी हो। दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में तो यह आम बात है। छिनैत हिंदू भी होते हैं और मुसलमान भी। बाइक सवार नौजवान तेज़ी से किसी का सामान छीन कर भाग जाते हैं। जल्द कमाई का यह उन्हें आसान ज़रिया लगता है। पकड़े जाने पर उनकी जमकर कुटाई भी होती है। पुलिस से पहले जनता हाथ साफ़ करती है, बिना यह देखे कि छिनैत किस जाति या धर्म का है।

लेकिन ‘अमर उजाला’ को यह मंज़ूर नहीं क्योंकि अब यूपी में ‘योगी-राज’ है। मेरठ के नौचंदी थाना क्षेत्र में हुई एक ख़बर की हेडलाइन में उसने छिनैतों को ‘मुस्लिम लुटेरे’ ही नहीं बताया, उनके मुँह से यह भी कहलाया है कि वे ‘बूचड़ख़ाने में काम करते थे जो योगी जी के आने से बंद हो गया’ और उनके पास कोई ‘दूसरा ज़रिया’ नहीं बचा। लेकिन ‘अब योगी जी आ गए हैं’, लिहाज़ा यह सब नहीं चलेगा। लूट करनी है तो ‘पाकिस्तान जाओ’..।

नीचे यह ख़बर पढ़िये और सिर पीटिए कि इस अख़बार के संपादकों में कभी हिंदी के वरिष्ठ कवि वीरेन डंगवाल भी हुआ करते थे। दंगाई अख़बारों की सूची में नाम दर्ज कराने के लिए अमर उजाला के वर्तमान संपादकों को बधाई। बधाई मालिक राजुल माहेश्वरी को भी जो अपने बड़े भाई अतुल माहेश्वरी की अकाल मृत्यु के बाद इस समूह को सही मायने में ‘कॉरपोरेट’ बना रहे हैं।

पढ़िये और सिर पीटिए–

मेरठ में नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर में बाइक सवार दो लुटेरों ने मंगलवार दोपहर को एक युवती से मोबाईल और पर्स लूट लिया। युवती के शोर मचाने पर पीछे से नौचंदी थाने की बुलेरो ने पीछा किया। भीड़ और पुलिस पीछा करती रही, आधा किमी की दूरी पर पुलिस की गाड़ी से टकराकर दोनों सड़क पर गिर गये। पुलिस दोनों को बचाती रही और भीड़ धुनाई करती रही। बाद में पुलिस ने दोनों को नौचंदी थाने भेज दिया। दूसरे समुदाय के लुटेरों ने बताया कि पशु कटान बंद होने के बाद लूट की योजना बनाई थी, इस पर व्यापारी बोले कि लूट करनी है तो पाकिस्तान चले जाना, यहां तो योगी की सरकार है।

शास्त्रीनगर सेक्टर पांच निवासी महेश चंद गुप्ता की बेटी कनिका गुप्ता इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। मंगलवार दोपहर को कनिका एक संस्थान में इंटरव्यू देने अपने घर से निकली थी। सेंट्रल मार्केट के पीछे रंगोली तिराहे पर लाल रंग की बाइक पर आये दो युवकों ने कनिका से मोबाईल और पर्स छीन लिया। पर्स में कीमती कागजात और 14 सौ रुपये थे। पीड़िता ने शोर मचाया तो लोग दौड़ने लगे। इस बीच पीछे से गश्त कर रहे नौचंदी थाने के एसएसआई मोहन सिंह भी पहुंच गये। पुलिस ने बुलेरो को बाइक सवार लुटेरों के पीछे दौड़ा दिया। बाइक सवार लुटेरे सेंट्रल मार्केट का चक्कर काटकर डी ब्लॉक की तरफ भागने लगे। इस बीच सामने से आ रही कार को बचाने के लिए जैसे ही लुटेरों ने कट मारा, तो पीछे से आ रही पुलिस की गाड़ी से टकराकर गिर गये। बाइक पर पीछे बैठा युवक व्यापारी के घर में घुस गया। भीड़ ने दोनों की जमकर पिटाई की। सेंट्रल मार्केट के अध्यक्ष किशोर वाधवा भी पहुंच गये।

दोनों लुटेरों ने बताया कि मीट प्लांट में तीन दिन से पशु कटान नहीं हुआ, जिसके चलते वह क्या करें। इस पर सेंट्रल मार्केट के अध्यक्ष ने कहा कि यूपी में योगी सरकार है, अब तो समझ आ जाना चाहिए। लूट करनी है तो पाकिस्तान चले जाओ। अब लूट करने का इरादा छोड़ देना। इंस्पेक्टर नौचंदी एसके राणा ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर परवेज पुत्र अली मौहम्मद निवासी बुनकरनगर लिसाड़ीगेट और उस्मान उर्फ इमरान पुत्र मोहम्मद शफीक निवासी किदवईनगर के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया।

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