“वे एक्टिविस्ट जिन्हें दुनिया को सुनना चाहिए” − इस शीर्षक से अमेरिका की एक पत्रिका ने दुनिया भर से दस सामाजिक शख्सियतों का नाम छापा है। इन दस नामों में भारत से तीन सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं।
टीएएफएफडी (टैफेड) नाम की एक अमेरिकी पत्रिका, जो भविष्य की तकनीक और प्रौद्योगिकी पर काम करती है और 2019 से प्रकाशित हो रही है, उसने दुनिया के उन सामाजिक कार्यकर्ताओं की सूची छापी है जिनके बारे में उसका मानना है कि दुनिया इन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकती और दुनिया को इन लोगों की बातें सुननी चाहिए।
इस सूची में भारत से मजदूर किसान संघर्ष समिति (एमकेएसएस) की अरुणा रॉय, मानवाधिकार जन निगरानी समिति के प्रमुख कार्यकारी डॉ. लेनिन रघुवंशी और बाल विवाह के खिलाफ काम करने वाली 29 साल की सामाजिक कार्यकर्ता कृति भारती शामिल हैं।
10 ACTIVISTS THE WORLD NEED TO LISTEN TO
1 @GretaThunberg 2 Miho Kawamoto 3 Rainbow@_LehlogonoloM 4 @nectug 5 Kristen Conklin 6 Kriti Bharti 7 @neodalit 8 @shailenewoodley 9 @aiweiwei1 10 Aruna Roy
Details – https://t.co/oh7Ztq9Glv (Contact magazine@taffds.org for certification) pic.twitter.com/3kqHJN8Ak3— TAFFD's (@TAFFDsOrg) February 21, 2020
टैफेड अमेरिका का एक अहम थिंकटैंक है। ट्रांसडिसिप्लिनरी अगोरा फॉर फ्यूचर डिसकशंस के नाम से काम कर रही यह संस्था विचारों और तकनीकों के भविष्य पर काम करती है और भविष्योन्मुखी व्यक्तियों की पहचान करती है। टैफेड के अध्यक्ष ओसिनाकाची अकूमा कालू हैं। कालू ने सूची में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को निजी पत्र भेजकर यह जानकारी दी है और 22 फरवरी को अपने ट्विटर हैंडल से टैफेड की पत्रिका ने इस बाबत घाेषणा की है।
भविष्योन्मुखी सामाजिक कार्यकर्ताओं की इस सूची में पहला स्थान 17 साल की किशाेरी ग्रेटा थुनबर्ग को दिया गया है जिसने संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन पर एक संजीदा भाषण देकर दुनिया को हिला दिया था। अभी दो दिन पहले ही ग्रेटा ने नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफ़ज़इ के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मलाला उनका आदर्श रही हैं और इस पल का वे बेसब्री से इतजार कर रही थीं।
She’s the only friend I’d skip school for. pic.twitter.com/uP0vwF2U3K
— Malala Yousafzai (@Malala) February 25, 2020
दूसरे स्थान पर जापान की युवा मानवाधिकार कार्यकर्ता मिहो कावामोतो हैं और तीसरे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका की स्नातक महिला लेहलोगोनोलो मुथेवुली हैं, जो महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाओं को तोड़ने का काम कर रही हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी भविष्य के दस एक्टिविस्टों की अपनी सूची में इन दोनों का नाम शामिल किया था।
एमनेस्टी की ही सूची से टैफेड की सूची में चौथे स्थान पर जगह बनाने वाले हैं तुर्की के 25 वर्षीय युवा मार्सेल तुगकान, जो मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। पांचवें स्थान पर अमेरिका की क्रिस्टेन कांकलिन हैं जो जैविक तंत्रों को विद्युतचुम्बकीय तरंगों से बचाने पर काम करती हैं और टॉक स्पेक्ट्रम नाम से एक वार्ता यूट्यूब पर चलाती हैं। छठवां स्थान भारत की कृति भारती का है और सातवें पर डॉ. लेनिन रघुवंशी हैं, जो लंबे समय से मुसहरों और बंधुआ मजदूरों पर काम कर रहे हैं और नवदलित आंदोलन का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
चीन के जाने माने कलाकार एइ वेइवेइ, जिन्हें चीन ने लंबे समय तक जेल में रखा और अपने यहां से निर्वासित कर दिया, वे भी इस सूची में शामिल हैं। एइ वेइवेइ ने इधर बीच आप्रवासी समस्या पर काफी काम किया है और दुनिया भर के पुरस्कार जीते हैं। वेइवेइ एमनेस्टी इंटरनेशनल के एम्बैसडर ऑफ कॉन्शिएंस पुरस्कार से भी नवाज़े जा चुके हैं। टैफेड ने उन्हें अपनी सूची में नौवें स्थान पर रखा है। समकालीन कला जगत में वेइवेइ मील का पत्थर माने जाते हैं।
अनुभव और उम्र दोनों के हिसाब से देखें तो टैफेड की सूची में भविष्योन्मुखी एक्टिविस्टों के बीच आखिरी नंबर भारत की अरुणा रॉय का है, जो आज सत्तर बरस के करीब पहुंच रही हैं। अरुणा मैगसायसाय पुरस्कार विजेता हैं और भारत में सूचना के अधिकार कानून की प्रणेता भी हैं। अरुणा रॉय एक्टिविस्टों की दो पीढ़ियों की पथ प्रदर्शक रही हैं।