अगर कोई सिर्फ़ टीवी चैनलों, अख़बारों या वेबसाइटों पर चल रहे प्रचार के सहारे हो तो इसी नतीजे पर पहुँचेगा कि यूपी का ताज बीजेपी के सिर ही बँधेगा। ध्यान दीजिए कि मोदी जी की सभा कैसे कवर होती है। क्रेन वाले कैमरे ज़मीन पर खड़ी जनता को आकाश पर पहुँचा देते हैं। लगता है कि पूरा देश ही उमड़ पड़ा है मोदी जी को सुनने के लिए। मोदी जी जैसे कोई सवाल करते हैं या चुटीली बात करते हैं, फौरन कैमरा जनता का क्लोज़अप दिखाता है। सब कुछ बहुत शाइस्तगी से होता है। यानी कैमरों के अलावा एक पूरी टीम होती है जो विज़ुअल्स को पल-पल बदलती रहती है, बेहद पेशेवर तरीक़े से।
ये इंतज़ाम बीजेपी की ओर से तैनात टीम करती है। यही विजुअल बिना कटे सारे चैनलो पर चलते रहते हैं। मुफ्त सप्लाई है। चैनल आमतौर पर अपनी ओबी वैन का इस्तेमाल नहीं करते। इसकी तुलना अखिलेश, राहुल या मायावती की रैलियों के कवरेज से करिये। जनता की एक आध बार ही झलकी दिखेगी वह भी बड़े बेमन से। अख़बार या वेबसाइटों पर भी ‘’जित देखो तित बीजेपी’’ वाला हाल है।
ऐसे में मोदी जी के मुँह से यह सुनना हास्यास्पद है कि अखिलेश यादव विज्ञापनों पर अनाप-शनाप धन खर्च करके जनता को भ्रमित कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि इस ‘गुनाह’ में बीजेपी सबसे आगे है। यह आरोप नहीं तथ्य है। इस संबंध में इकोनॉमिक टाइम्स में गौरव लघाटे की एक बेहतरीन रिपोर्ट छापी है जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं..
विधानसभा चुनाव 2017: चुनावी विज्ञापनबाजी में सबसे आगे निकली BJP
उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनावों के लिए टीवी, रेडियो और प्रिंट मीडिया में कैंपेन चलाने के मामले में बीजेपी ने फिलहाल सबको पीछे छोड़ दिया है। TAM मीडिया रिसर्च की इकाई ऐडेक्स इंडिया से मिले आंकड़ों के अनुसार, इन पिछले साल नवंबर से लेकर 4 फरवरी 2017 तक तीन माध्यमों पर तीनों राज्यों के लिए सभी राजनीतिक विज्ञापनों में बीजेपी का हिस्सा 59% रहा। इसमें पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी के एकजुट होकर चलाए गए प्रचार अभियान को शामिल नहीं किया गया है। कुल विज्ञापनों में एसएडी-बीजेपी का हिस्सा 11% रहा। इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के दौरान विज्ञापन पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हालांकि इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी। बीजेपी के एक प्रवक्ता ने ईटी के एसएमएस और कॉल्स का जवाब नहीं दिया।
SP-BSP-कांग्रेस का टोटल BJP का आधा भी नहीं है
समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के ऐड वॉल्यूम्स मिलकर भी बीजेपी के आंकड़े के आधे तक भी नहीं पहुंच रहा है। टोटल पॉलिटिकल कैंपेन में एसपी के विज्ञापनों का हिस्सा 13%, बीएसपी का 12% और कांग्रेस का आंकड़ा करीब 4% रहा। जनवरी के दौरान राजनीतिक दलों ने विज्ञापन में सबसे ज्यादा निवेश किया। टीवी चैनलों पर कुल 27,133 विज्ञापन प्रसारित किए गए, वहीं रेडियो पर 11,722 ऐड स्पॉट्स प्ले किए गए और 2,797 विज्ञापन प्रिंट मीडिया में जारी किए गए। इसके पहले नवंबर में सभी टीवी चैनलों पर कुल 5,754 विज्ञापन, रेडियो पर 3212 और प्रिंट मीडिया में 1,092 विज्ञापन जारी किए गए। नोटबंदी के बाद दिसंबर में राजनीतिक प्रचार कम रहा।
UP के मैदान में BJP का हिस्सा 69%
राज्यों के स्तर पर देखें तो यूपी में राजनीतिक विज्ञापनों में बीजेपी का हिस्सा 69% रहा। उसके बाद एसपी का आंकड़ा 17%, बीएसपी का 12% तो कांग्रेस और लोकदल का 1-1% रहा।
पंजाब में राजनीतिक विज्ञापनों में एसएडी-बीजेपी का हिस्सा 39% रहा। उसके बादबीजेपी का हिस्सा (स्वतंत्र रूप से) 4%, कांग्रेस का 2% और आम आदमी पार्टी का 1% रहा।
गोवा में इस अध्ययन के लिए केवल प्रिंट मीडिया में आए विज्ञापनों को शामिल किया गया। गोवा में बीजेपी का हिस्सा 39% और कांग्रेस का 37% रहा। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी का आंकड़ा 13% और गोवा फॉरवर्ड पार्टी का 4% रहा।