बीते 29 नवंबर को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में छात्रों का देशव्यापी जुलूस प्रदर्शन हुआ। पाकिस्तान के 50 शहरों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और अपने छात्र संघों की बहाली और शैक्षिक सुविधाओं में सुधार की मांग की। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने जमकर आजादी के नारे लगाए।
Country-wide protest begins as #StudentsSolidarityMarch to #RestoreStudentUnion pic.twitter.com/4wQfvlsAib
— Saeed Sangri (@Sangrisaeed) November 29, 2019
छात्रों की इस एकजुटता मार्च को प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स कलेक्टिव (PSC) ने आयोजित किया। स्टूडेंट एक्शन कमेटी (एसएसी) के नेतृत्व में हुए इस मार्च को राजनैतिक दलों के साथ-साथ, किसान, मजदूर और अल्पसंख्यक समुदायों के संगठनों का समर्थन हासिल रहा। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मार्च के मायने इसलिए अधिक हैं, क्योंकि इसमें विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके माता-पिता, वकील व सिविल सोसाइटी के सदस्य भी शामिल हुए।
Today's march will be a milestone in the history of pakistan. Students are well aware of their rights and now they have risen up to shine.#StudentsSolidarityMarch #StudentSolidarityMarch
Mere desh k talba zinda hai pic.twitter.com/koD7UavkNh— Alia Haider (#MedicalReliefforfloodaffectes) (@DrAliahaider) November 29, 2019
पाकिस्तान में छात्रों का एकजुटता मार्च एक ऐतिहासिक घटना है। 2018 में भी पाकिस्तान में छात्रों का ऐसा आंदोलन हुआ था।
The ‘Azaadi’ chant: Watch powerful scenes from Pakistan’s nationwide student solidarity march https://t.co/2Yxc6mrdXt
— Scroll.in (@scroll_in) December 1, 2019
पाकिस्तान में हुए छात्र एकजुटता मार्च की ख़ासियत यह रही कि इस मार्च में छात्रों के इस आंदोलन में समाज के अन्य तबकों के लोग भी शामिल हुए। सभी प्रांतों में शुक्रवार को जगह-जगह निकाले गए ‘छात्र एकजुटता मार्च’ में अभिव्यक्ति और दमन से आजादी की मांग करते हुए ‘हमें क्या चाहिए। आजादी’ के नारे लगाए गए।
Scenes from #StudentsSolidarityMarch coming in. This is Peshawar pic.twitter.com/q0GekhIsm4
— Aima Khosa (@aimaMK) November 29, 2019
सबसे दिलचस्प बात यह है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान आज़ादी के नारे लगाने के बाद वहां की सरकार ने भी कई छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज़ किया!
Students must have a voice in students affairs for higher education to thrive. Student unions are nurseries for leadership. All political parties should evolve consensus for restoration of student unions #StudentsSolidarityMarch. pic.twitter.com/3s5IzUfqFw
— Nafisa Shah (@ShahNafisa) November 29, 2019
बताया जा रहा है कि जिन छात्रों ने नारे लगाए वो छात्र वामपंथी प्रगतिशील समूह के सदस्य हैं। छात्रों का यह आंदोलन बीते करीब एक महीने से ज्यादा समय से जारी है। छात्रों ने ‘कह कर लेंगे आजादी, लड़कर लेंगे आजादी, हम क्या मांगें आजादी, पढ़ने की आजादी जैसे नारे लगाये।’
Leadership looks like this. #Azadi but let me clarify the Faiz here means Faiz Ahmed Faiz the poet. #studentpower pic.twitter.com/ZtNxU40Jpr
— Reham Khan (@RehamKhan1) November 17, 2019
किन्तु किसी भी पाकिस्तानी मीडिया ने इन छात्रों को गद्दार या टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं कहा!
#StudentSolidarityMarch in #Islamabad proceeding from Press club towards D Chowk right now – energised environment with around 1000 students united to demand #RestoreStudentUnion pic.twitter.com/PYSMByuAy9
— Usama Khilji (@UsamaKhilji) November 29, 2019
एक तरफ जहां अपने देश भारत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र फ़ीस वृद्धि और हॉस्टल मैनुएल व अन्य नियमों की वापसी के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं और देशभर से इस आंदोलन को समर्थन मिल रहा है ठीक ऐसे समय में पाकिस्तान में छात्रों का आंदोलन यह साबित करता है कि पाकिस्तान में भी शिक्षा पर सरकार का ध्यान नहीं है और छात्रों को शिक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा हैं।
सरकार की नीतियों को मुद्दा बनाकर पाकिस्तान के छात्र लगातार इमरान सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।पाकिस्तान के छात्रों का ये प्रदर्शन भी कुछ कुछ वैसा ही है जैसा हम बीते कई दिनों से भारत के जेनएयू में देखते चले आ रहे हैं। पाकिस्तान में भी वही नारे लग रहे हैं।