माओवादी विचारक और प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेता कहे जाने वाले कोबाड घांडी, बेल मिलने के बाद आज 8 साल दो महीने जेल बाद विशाखापतनम जेल से रिहा हो गए।
जेल से निकलते हुए उनकी जो तस्वीर आई है उसमें वे काफ़ी बीमार नज़र आ रहे हैं।
पिछले साल जून में दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद से जुड़े तमाम आरोपों से उन्हें मुक्त कर दिया था। हालाँकि, उन्हें धोखाधड़ी और जालसाज़ी का दोषी पाया था। इसकी जो सज़ा हो सकती थी, उसे वे पहले ही जेल में काट चुके थे।
दिल्ली पुलिस ने 65 वर्षीय घांडी को 30 सितंबर 2009 को गिरफ्तार किया था। उन पर गैरकानूनी गतिवधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा था।
प्रतिष्ठित दून स्कूल, मुंबई के सेंट जेवियर्स और कैम्ब्रिज युनिवर्सटी के छात्र रहे घांडी पर आरोप था कि सीपीआई (माओवादी) के पोलित ब्यूरो सदस्य बतौर वे दिल्ली और आस पास माओवादी आधार बनाने की कोशिश कर रहे थे। 2012 में उनके ख़िलाफ़ आरोप तय हुए थे।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।