बीबीसी, दूरदर्शन समेत तमाम मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके पत्रकार संजीव श्रीवास्तव पर मोदियाबिंद का तगड़ा हमला हुआ है। वे वाराणसी में मोदी के रोड शो (संजीव जी तो रोड शो ही बता रहे थे, पर बीजेपी मुकर गई है) वाले दिन यानी 4 मार्च की सुबह वाराणसी के दशाश्वमेध घाट जाकर यूपी में बीजेपी की सरकार बनने का दावा करते देखे गए। लोगों ने पूछा कि भइया अभी तो दो चरणों का मतदान बाक़ी है, इतनी जल्दी क्या है, तो वे जवाब ना देकर कचौड़ी खाकर डकार मारने लगे।
‘मोदियाबिंद’ के हमले की सबसे बड़ी शिनाख़्त यह है कि पीड़ित को मोदी के अलावा कुछ भी दिखना-सुनना बंद हो जाता है। तभी सात चरण वाले चुनाव में चौथे-पाँचवें चरण के बाद ही कई पत्रकार युूपी में बीजेपी की जीत का ऐलान करने लगे हैं। इस समय वाराणसी पहुँचे राष्ट्रीय स्तर के कई पत्रकार इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। ना उन्हें गंगा सफ़ाई को लेकर किए गए मोदी के वादे की याद आ रही है, ना वे सवाल पूछ रहे हैं कि आख़िर बनारस इतना गंदा क्यों है जबकि कई दशकों से नगर निगम पर बीजेपी का ही क़ब्ज़ा है। ना वे पेट्रोल-डीज़ल या रसोई गैस के बढ़े दामों को लेकर जनता की राय जानना चाहते हैं। वे टीवी, अख़बार या वेबसाइट पर जमकर मोदी की जीत का ऐलान कुछ इस अंदाज़ में कर रहे हैं मानो यूपी में मोदी जी को मुख्यमंत्री बनना है। फिर मोदी जी अपनी रैलियों में इसी मीडिया का हवाला देते हुए बताते हैं कि बीजेपी की जीत का ऐलान हो चुका है, और जनता को मानना ही पड़ता है कि मोदी जी ही जीत रहे हैं।
वैसे शक़ तो पहले भी था, लेकिन संजीव श्रीवास्तव जब सुबह-सुबह ‘दिव्य निपटान’ छोड़कर ‘एडिट प्लेटर’की आईडी के साथ मोदी जी की जीत की भविष्यवाणी करते पाए गए तो यक़ीन पुख़्ता हो गया। लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि आख़िर पत्रकार, ज्योतिषी बनने की इतनी ज़िद क्यों कर रहे हैं जबकि पत्रकारिता का पेशा भी अच्छा-भला है।
सुना गया है कि ‘काशी ज्योतिष परिषद’ की एक आपात बैठक कल रात दुर्गाकुंड पर बुलाई गई थी जिसमें विचार हुआ कि अगर इन पत्रकारों का मोदियाबिंद ठीक ना हुआ तो ज्योतिषियों के धंधे का क्या होगा ! बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ कि इस सिलसिल में एक ज्ञापन मोदी जी को सौंपा जाए। मोदी जी से माँग की जाए कि वे किसी तरह से इन सबको दिल्ली ले जाने की व्यवस्था करें। बतौर सांसद काशी पर उनका यह महान अहसान होगा।
काशीवासियों को मोदी जी का ‘बुलाया’ जाना तो बरदाश्त करना पड़ रहा है लेकिन उन्हें यक़ीन है कि ऐसे पत्रकारों को तो गंगाजी ने बिलकुल भी नहीं बुलाया होगा…।
बहरहाल, नीचे वीडियो पर खटका लगाकर मोदियाए संजीव श्रीवास्तव का साक्षात्कार किया जा सकता है। बीमारी की गंभीरता का अंदाज़ा लग जाएगा..
(बुरा ना मानो होली है)
https://www.facebook.com/EditPlatterHindi/videos/1409464182449414/