तरुण व्यास
जुगनुओं तुमको नए चांद उगाने होंगे
इससे पहले अंधेरों की हुकूमत हो जाए
– राहत इंदौरी
इस शेर के साथ सुनें कन्हैया कुमार को। ताकि ज़िंदा रहें विरोध की आवाज़ें हर चमन के चबूतरे पर अपने मुल्क़ के अमन के वास्ते।
सुनें और तलाशें कहां है देशद्रोह। इस लिंक पर दिया गया वीडियो एक घंटा छब्बीस मिनट का है। इसमें इंदौर के हस्ताक्षर वरिष्ठ अभिभाषक और समाज सेवी आनंद मोहन माथुर जी ने भी अपने विचार रखें जिसे सुना जाना चाहिए। लेकिन जिन्हें कन्हैया को ही सुनना है, तो वीडियो को उन्नीस मिनट चालीस सेकंड से सुनें।