पत्रकार रवीश कुमार की नौकरी क्या खतरे में है? आखिर उन्हें ‘स्टार्ट-अप’ शुरू करने की ज़रूरत क्यों आन पड़ी? वो भी निशुल्क? और ये निशुल्क क्या बला है? उनके लिए या देखने वाले के लिए?
देखिए ये ट्रेलर जो कल ही यू-ट्यूब पर रिलीज़ हुआ है लेकिन अब तक इसे 50 लोगों ने भी नहीं देखा है। यू-ट्यूब चैनल वर्डक्राफ्ट पर अपलोड किए गए इस वीडियो में रवीश बता रहे हैं कि देश में ‘संदेश ऋषियों’ की बहुत कमी है। वे चाहते हैं कि यह कमी पूरी हो और इसीलिए वे दर्शकों को छोटी-छोटी बातों पर नुस्खे देंगे।
हम भी नहीं जानते कि इस ट्रेलर के बाद रवीश क्या लेकर आएंगे, लेकिन ‘संदेश ऋषि’ एक दिलचस्प नाम है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके अनुयायी पहले से मानते आए हैं कि नारद इस जगत के पहले ‘संदेश ऋषि’ यानी पत्रकार थे। मोटे तौर पर लगता है कि रवीश इसी के इर्द-गिर्द कोई ताना-बाना बुनने के मूड में हैं।
उन्होंने अपने इस स्टार्ट-अप को ‘निशुल्क’ बताया है। ज़ाहिर है, यू-ट्यूब पर होगा तो देखने वाले के लिए निशुल्क ही होगा लेकिन यू-ट्यूब चैनल पर अगर यह कार्यक्रम लाखों दर्शकों तक पहुंच गया जिसकी उम्मीद की ही जानी चाहिए, तो उससे जो कमाई होगी वह किसके पास जाएगी?
अभी एक मिनट के ट्रेलर के आधार पर कुछ भी कहना सही नहीं होगा, लेकिन मामला दिलचस्प जान पड़ता है। एनडीटीवी प्रॉफिट बंद हो चुका है। बहुत संभव है कि एनडीटीवी इंडिया पर भी तलवार लटक रही हो। ऐसे में यह प्रयोग बुरा नहीं है।
https://youtu.be/ZvjaFiefcVA