मीडियाविजिल की ओर से 6 मई को दिल्ली में आयोजित संगोष्ठी ”मीडिया: आज़ादी और जवाबदेही” में तमाम पत्रकारों ने अपने-अपने तरीके से मीडिया के अलग-अलग आयामों पर अपनी बात रखी, लेकिन टीवी पत्रकार नवीन कुमार का मुहावरा सबसे अलग रहा। उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ने वाली फिल्म ‘बाहुबली-2” के किरदारों से एक दिलचस्प तुलना करते हुए पत्रकारिता के मौजूदा परिवेश को समझाया।
नवीन ने अपने संबोधन के आरंभ में ही कहा कि आजकल उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि बतौर पत्रकार वे फिल्म के किरदार कटप्पा की भूमिका में हैं जिसे एक या दूसरे बाहुबली को मारने के काम पर लगाया गया है। उन्होंने कहा, ”यह मेरी नियति है कि मैं किसी न किसी बाहुबली को मार दूंगा और यही मेरी सिद्धता होगी राष्ट्रवाद में।”
उन्होंने अपने संबोधन का अंत इस विश्वास के साथ किया कि एक दिन ये सारे मीडिया संस्थान, उनके संपादक और उनके पत्रकार जनता द्वारा खारिज कर दिए जाएंगे जो बाहुबली के इशारे पर नाच रहे हैं। ये सिलसिला शुरू हो चुका है।”
नीचे सुनिए 12 मिनट का पूरा भाषण (साभार: नेशनल दस्तक)