लखनऊ: एडवोकेट मुहम्मद शुऐब और पूर्व IPS दारापुरी गिरफ्तार, तीन बजे प्रेस वार्ता

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उत्तर प्रदेश Published On :

फाइल फोटो


रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी को उनके लखनऊ आवास से पुलिस उठा ले गई है. शुऐब और दारापुरी गुरुवार को हाउस अरेस्ट थे. 

खबर लिखे जाने तक मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोशलिस्ट पार्टी के उपाध्यक्ष संदीप पांडेय रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब की पत्नी के साथ लखनऊ एसएसपी से मुलाक़ात को जा रहे थे.

रिहाई मंच की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि एडवोकेट मोहम्मद शोएब, अध्यक्ष, सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) को कल रात पौने बारह बजे व आज दिन में ग्यारह बजे सेवानिवृत आई.पी.एस. एस.आर. दारापुरी पुलिस द्वारा को ले जाए जाने पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया है.

बता दें कि मुहम्मद शुऐब जो हाउस अरेस्ट थे को पौने बारह बजे पुलिस वाले सीओ से मुलाकात के लिए ले गए जिसके बाद कोई घंटों तक उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया.रात पौने दो बजे उनकी पत्नी से पता चला कि उनको कैसर बाग थाने ले जाने की सूचना मिली अब मालूम चल रहा कि हज़रतगंज थाने ले जाया गया है.

फिर रात 2:17 मिनट पर को शुऐब की पत्नी ने बताया कि उनको कैंट थाने ले गए. सुबह करीब पौने तीन बजे उनकी पत्नी से सूचना मिली कि अभी 2 पुलिस वाले आए उनकी दवा लेने के लिए और कहे कि पूछताछ हो रही. शुऐब साहब हार्ट के मरीज हैं. सुबह 8 बजे पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी ने बताया कि शुऐब साहब को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

बता दें कि 19 दिसंबर को होने वाले मार्च को रोकने के लिए रिहाई मंच अध्यक्ष एडवोकेट मुहम्मद शुएब को लखनऊ पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया था.साथ ही रिहाई मंच के अन्य नेताओं को भी नोटिस भेजा गया है और 23 दिसंबर को नगर मजिस्ट्रेट लखनऊ के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है.

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब

गौरतलब है कि गुरूवार को नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में हजारों लोग गिरफ्तार हुए और लखनऊ में जमकर हिंसा हुई. इस प्रदर्शन के लिए रिहाई मंच ने भी लिखित रूप से पुलिस और स्थानीय प्रशासन से अनुमति मांगी थी. किन्तु योगी सरकार ने पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लगा दिया था.

पूर्व आइपीएस एस आर दारापुरी

लखनऊ हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि वे हिंसा करने वालों से बदला लेंगे.

उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह तक दावा किया है कि दंगा करने वाले चिन्हित चेहरे हैं.


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