देर से ही सही राष्ट्रीय लोकदल भी उत्तर प्रदेश बिजली विभाग में हुए पीएफ घोटाले की जांच के लिए कूद गया है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने उप्र पाॅवर कार्पोरेशन लिमिटेड में हुये पीएफ घोटाले के लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेंदार ठहराते हुये उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की है।
आज जारी बयान में श्री दुबे ने कहा कि कार्पोरेशन के कर्मचारियों की भविष्य निधि के लिए बने ट्रस्ट की बैठक भाजपा सरकार में 24 मार्च 2017 को हुयी थी जिसमें दोनो अधिकारियों ने डीएचएफएल को निधि दिये जाने का निर्णय लिया गया था।उन्होंने कहा कि कार्पोरेशन के कर्मचारियों के 2267 करोड रूपये जो डीएचएफएल में अब भी जमा है सरकार उसका नोटिफिकेशन जारी कर उसकी गारंटी दे।
सरकार द्वारा सीबीआई जांच की सिफ़ारिश से यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकार डरी हुई है और सच्चाई को छिपाने में लग गयी है। उत्तर प्रदेश पाॅवर कार्पोरेशन जैसे महत्वपूर्ण विभाग जिसे मेहनत से कर्मचारियों ने खड़ा किया है। उसमें इतना बड़ा घोटाला हुआ जिससे कार्पोरेशन का पूरा प्रबंध तंत्र जिम्मेदार है और एफआइआर की काॅपी से स्पष्ट हो गया कि भाजपा सरकार में ही डीएचएफएल को निधि का भुगतान किया गया था।
श्री दूबे ने कहा कि घोटाले में भाजपा का मूल चरित्र उजागर हो गया है। मंत्री अपने बचाव में तथ्यहीन तर्क दे रहे हैं। अपने काले कारनामों की पूर्ववर्ती सरकारों पर डाल करके किनारा करने की असलियत जनता जान गई है।
महामहिम राज्यपाल को इस घोटाले में हस्तक्षेप कर असली दोषियों पर कार्यवाही करानी चाहिए। साथ ही उन्होंने घोटाले की तह तक जाने के लिए पूरे प्रकरण की उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायधीश जांच कराने की मांग की है जिससे सच्चाई जनता के सामने आ जाये और भाजपा सरकार बेनकाब हो सके।
लोकदल की पूरी भाषा सपा के मालिक अखिलेश यादव की कॉपी है जिस भाषा का सपा के मालिक अखिलेश यादव ने इस्तेमाल किया वही सब लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दूबे बोल रहे हैं कम से कम भाषा ही बदल लेते यूँही नहीं लोकदल का अस्तित्व ख़त्म हो रहा है उसकी बहुत सी वजह है उनमें से एक ये भी मानी जाती है।
उधर यूपीपीसीएल में हुए पीएफ घोटाले को लेकर प्रदेश भर के बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं। कर्मचारियों ने घोटाले के आरोपी पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन को हटाने सहित मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
We welcome the decision of @UPGovt in #DHFLscam of CBI enquiry and removal of MD UPPCL (Truste).But Chairman UPPCL(Chairman Trust) is still on seat and can manipulate facts in on going investigation.Chairman should also be removed for impartial and fair investigation. @ersdubey pic.twitter.com/FEmICfPzGw
— UP RVP Abhiyanta Sangh (@UPRVPAS_GZB) November 4, 2019
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर लखनऊ सहित प्रदेश के सभी परियोजना एवं जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। समिति की मांग है कि पाव सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट में जमा धनराशि के भुगतान की जिम्मेदारी यूपी सरकार ले और घोटाले के दोष पावर कार्पोरेशन व ट्रस्ट के अध्यक्ष को उनके पद से हटाकर गिरफ्तार किया जाए जिससे कि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।
यूपी पॉवर कारपोरेशन के पीएफ घोटाले में ईओडब्लू ने पूर्व एमडी एपी मिश्रा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं , यूपी पॉवर कारपोरेशन के पीएफ घोटाले में ईओडब्लू ने पूर्व एमडी एपी मिश्रा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है।
The arrest of former UPPCL MD AP Mishra came days after the Yogi govt recommended a CBI probe into the matterhttps://t.co/qJvFubEHVx
— Mint (@livemint) November 5, 2019
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एपी मिश्रा को सोमवार देर रात ही हिरासत में ले लिया था, और पूछताछ की जा रही थी। बता दें कि इस घोटाले में अब तक यह तीसरी गिरफ्तारी है। गौरतलब है कि ईओडब्लू 2268 करोड़ के पीएफ घोटाले की जांच में जुटी है, यूपी सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।