समाजवादी पार्टी से गठबंधन को लेकर मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई और प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर अखिलेश यादव को एक हफ्ते का समय दिया है। शिवपाल ने कहा कि हम अपने समर्थकों के लिए 100 सीटें चाहते थे लेकिन हम अब पीछे हट गए। हमने 2019 में ही कह दिया था कि हम झुक जाएंगे, आज दो साल हो गए यह बात कहे हुए लेकिन कोई बात अभी तक फाइनल नहीं हुई। शिवपाल ने अखिलेश द्वारा साथ आने को लेकर बात फाइनल न करने पर बड़े सम्मेलन की बात भी कही है।
अखिलेश ने जन्मदिन पर भी नही किया ऐलान..
काफी लंबे समय से अखिलेश, चाचा शिवपाल की पार्टी के साथ गठबंधन करने की बात तो स्वीकार कर हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि, शुरुआत में पहले कौन हाथ बढ़ाएगा इस बात पर पेच फसा हुआ था, लेकिन अब शिवपाल ने खुद कदम बढ़ा दिया है। पिछले कई दिनों से चर्चा थी कि अखिलेश यादव मुलायम सिंह के जन्मदिन पर चाचा को तोहफा देंगे। उन्होंने चाचा शिवपाल को साथ लेकर चलने की भी बात कही थी, लेकिन जन्मदिन पर ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई, इसलिए शिवपाल के हाव-भाव अलग नज़र आ रहे थे। उन्होंने साफ कहा कि अखिलेश की तरफ से बात हो रही थी कि 22 नवंबर को एक जाएंगे, लेकिन वह यहां नहीं आए।
अखिलेश ने ऐलान नही किया तो, लखनऊ में सम्मेलन करके अपने….
शिवपाल ने पुरानी बातों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने सोचा था कि यह दंगा ऐतिहासिक दंगा होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमने हमेशा त्याग किया है। हम चाहते तो 2003 में ही मुख्यमंत्री बन सकते थे। नेताजी को दिल्ली से बुलाकर सीएम बनाया गया। हमने अन्य दलों के 40 विधायक एक किए थे। उस वक्त बीजेपी के 25 विधायक और सपा के 143 विधायक हमारे साथ थे। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमारे साथ पार्टी के पुरुष और महिलाओं ने बहुत संघर्ष किया, जब लाठियां चलती थी तब महिलाएं आगे आ जाती थीं। उन्होंने सपा के साथ गठबंधन पर आगे कहा, हमने यह भी कहा कि हमारे जो जिताऊ लोग हैं उनका सर्वे कराकर चाहे तो गठबंधन कर लो चाहे विलय कर लो। लेकिन अब बहुत देर हो रही है।
पहले लोग हमारे दल को छोटा दल कहते थे, लेकिन जब से हमारा मथुरा से रथ निकला है तब से कहने वालों को पता लग गया है कि हमारा छोटा दल नहीं है। शिवपाल ने स्पष्ट किया कि अब फैसला लिया जाए। उन्होंने कहा, अगर एक हफ्ते के अंदर ऐसा नहीं होता है तो फिर वे लखनऊ में सम्मेलन करके अपने लोगों से राय लेकर फैसला लेंगे। प्रसपा को 2022 में सत्ता में रहना है। हम एक होना चाहते हैं, हमारी प्राथमिकता समाजवादी पार्टी है। आज के दिन की बहुत उम्मीद थी, लेकिन अब जो भी हो, जल्दी हो जाए।