अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में आज दिन में अच्छा-खासा बवाल खड़ा हो गया जब रिपब्लिक टीवी की टीम ने एक राजनीतिक बैठक में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की जिसका छात्रों ने जमकर प्रतिरोध किया और पुलिस को बीचबचाव में आना पड़ा।
एएमयू के छात्र संघ के आह्वान पर आज विश्वविद्यालय में 18 मुस्लिम दलों की एक बैठक रखी गई थी। उस बैठक में आगामी आम चुनावों को लेकर कुछ विचार-विमर्श और फैसले होने थे, जिसकी सूचना बैठक के बाद तय प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानी तय थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ वक्त था और बैठक अभी चल ही रही थी। दूसरे पत्रकार बाहर बैठक खत्म होने का इंतज़ार कर रहे थे लेकिन रिपब्लिक टीवी की पत्रकार अपनी टीम के साथ जबरन बैठक में घुसने की कोशिश करने लगी, जिसका छात्रों ने विरोध किया।
शर्जील उस्मानी के मुताबिक रिपोर्टर ने कहा- हम आतंकियों के विश्वविद्यालय में खड़े हैं। इस पर छात्रों का गुस्सा और ज्यादा भड़क गया।
शोधछात्र मो. आरिफ ने मीडियाविजिल को बताया कि रिपब्लिक के पत्रकार बार-बार छात्रों से कह रहे थे- ये युनिवर्सिटी तुम्हारे बाप की नहीं है, हमारी है। बाद में रिपब्लिक की टीम बाहर से कुछ छात्रों को लेकर भीतर आई और उनसे बने-बनाए बयान दिलवाने लगी।
आरिफ ने बताया कि ये पत्रकार बार-बार छात्रों से एक ही सवाल पूछ रहे थे कि ‘आपको भाजपा के राज में डर लगता है क्या?’ पत्रकार के महिला होने के नाते छात्रों ने बहुत समझाने-बुझाने की कोशिश की और कहा कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में आवें लेकिन उक्त महिला जोर-जोर से चिल्लाने लगी और बैठक में घुसने की कोशिश करने लगी।
इस मसले पर रिपब्लिक के पत्रकारों और छात्रों के बीच हलकी फुलकी झड़प हो गई, जिसे कुछ वरिष्ठ छात्रों और पुलिस ने मिलकर निपटाया।
एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष सुलेमान से मीडियाविजिल ने बात करने की कोशिश की लेकिन खबर लिखे जाने तक वे बैठक में मौजूद थे जिसके चलते उन्होंने फोन नहीं उठाया।