काकोरी के शहीदों की याद में 19 दिसम्बर को साझी विरासत, साझी शहादत, साझी नागरिकता के मकसद से होने वाले आयोजन को रोकने की कोशिश हो रही है। लखनऊ के नागरिकों का यह आयोजन नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में है।
नगर मजिस्ट्रेट की ओर से रिहाई मंच से जुड़े आठ महत्वपूर्ण लोगों को दंड प्रक्रिया संहिता 107/16 के तहत नोटिस दी गयी है। इसमें कहा गया है, ‘धरना-प्रदर्शन को लेकर तनाव व विवाद है, जिससे किसी भी समय उक्त विपक्षीगण से शांति व्यवस्था भंग हो सकती है’। इसलिए ये लोग शांति की गारंटी करें।
एक और नोटिस अमीनाबाद थाने की ओर से रिहाई मंच के अध्यक्ष के रूप में मोहम्मद शोएब साहेब को मिली है। यह नोटिस धारा 144 के तहत है। इसमें सीआरपीसी की धारा 149 के हवाले से इन्हें किसी भी प्रकार के आंदोलन या जुलूस का आयोजन न करने को कहा गया है। नोटिस में कार्यवाही की चेतावनी है।
जाहिर है, यह हमारे कल के प्रदर्शन को रोकने के लिए है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम चुप हो जायेंगे। हम अपनी बात कहेंगे। हम अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
इसलिए हम सभी अमनपसंद साथियों से अपील करते हैं कि वे काकोरी के शहीदों को याद करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिस्सा लें। ज्यादा से ज्यादा तादाद में आयें। मुस्तैद रहें और देखें कि किसी भी तरह से कोई हमें बदनाम करने के लिए हिंसा का सहारा न लें। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध पूरी तरह अहिंसक और शांतिपूर्ण हो, हम इसकी गारंटी करेंगे।
रिहाई मंच की प्रेस विज्ञप्ति