कीचड़-पानी में धँसी ताजनगरी, अफ़सरों को योगी के दौरे की फ़िक़्र, जनता की नहीं

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उत्तर प्रदेश के आगरा के कई  इलाके पिछले दिनों हुई बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुए। 28 और 30 जुलाई की बारिश ने खेरिया मोड़, अर्जुन नगर, अजीत नगर गेट, वीआईपी रोड क्षेत्र और एयरफोर्स स्टेशन से आने-जाने वाले हजारों लोग लगातार तीन दिन तक जलभराव से जूझे। अब चुनावी मंथन के लिए मुख्यमंत्री और जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। जेपी नड्डा आज से ही दौरे पर है। रविवार 8 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आगरा आएंगे। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठनात्मक बैठकें करेंगे। एसएनजे गोल्ड मैरिज होम में चिकित्सकों के साथ तीसरी लहर से बचाव पर चर्चा करेंगे। अब अफसरों को इस बात की चिंता है की अगर उस दिन बारिश हुई तो वीआईपी रोड पर भीषण जलभराव हो जायेगा, तब मुख्यमंत्री को परेशानी का सामना करना पड़ेगा और वह उस रास्ते से कैसे निकलेंगे।

इस जलभराव समस्या का हल निकाले के लिए अफसरों ने इस रूट का निरीक्षण किया है और शुक्रवार को दिन भर दिमाग लगाने के बाद उपाय निकाला गया की खेरिया मोड़ पर 10 पंपसेट पानी निकालने के लिए लगाए जाएंगे, साथ ही वबाग कंपनी की सुपरसकर मशीन भी रूट पर तैनात रहेंगी। जिससे तेजी से सड़क पर भरा पानी निकल जायेगा। मुख्यमंत्री के लिए यह सारे इंतजाम किए गए हैं। लेकिन वहां के रहने वाले आम लोग सालों से इन्ही परेशानियों से जूझ रहे हैं।

स्मार्ट सिटी के अंतर्गत है आगरा फिर भी यह हाल..

बता दें कि यूपी को स्मार्ट सिटी अवॉर्ड मिल चुका है। जिसकी काफी चर्चा हुई थी। रोड पर बड़े – बड़े बैनर लगा कर बखान किए गए थे की यूपी नंबर -1 है। आगरा भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का ही हिस्सा है। लेकिन बारिश का यह मौसम इसकी पोल खोलता है। यहां मुख्यमंत्री के आने की खबर से अफसरों को इस बात की चिंता जरूर है की उनका काफिला कैसे निकलेगा। लेकिन जो लोग हर साल बारिश में आने – जाने की समस्याओं का सामना करते हैं उनकी क्या कोई चिंता नहीं है?

बारिश होने पर लगभग 13 किमी लंबे रूट पर कई समस्याएं हो जाती है। जैसे, खेरिया मोड़ तक दो फुट पानी भर जाता है। एयरपोर्ट गेट के बाहर, हावर्ड पार्क प्लाजा के सामने और मुगल होटल से ट्राइडेंट तक जलभराव रहता है। मेट्रो की बैरिकेडिंग से रास्ता संकरा रहता है। सिर्फ आगरा ही नही यूपी के और भी कई शहरों का हाल बारिश में बेहाल हो जाता है। जब इलाको में पानी भरता हैं तब प्रशासन को ध्यान आता है की नाले, रोड, सिवारों की मरम्मत – सफाई करवा कर कुछ समाधान निकालना होगा। लेकिन बारिश के बाद सब ठंडे पड़ जाते है।


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