स्वराज अभियान ने पत्र भेजकर यूपी के मुख्यमंत्री से प्रदेश के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन के मुफ्त वितरण पर रोक नहीं लगाने की मांग की है. स्वराज अभियान ने भारत सरकार से भी मलेरियारोधी इस दवा को अमेरिका को किसी भी हालत में निर्यात नहीं करने का आग्रह किया है.
स्वराज अभियान नेता और वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने पत्र में मुख्यमंत्री का ध्यान भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अखबारों में छपे बयान की ओर ध्यान दिलाया है जिसके शीर्षक में ही लिखा है कि ‘मलेरियारोधी दवा केवल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए‘. लव अग्रवाल के बयान में कहा गया है कि मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन के उपयोग की अनुमति संक्रमितों के संपर्क में आए व उनका इलाज कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए ही है.
स्वराज अभियान ने अपने पत्र में सीएम के संज्ञान में आदिवासी-दलित बाहुल्य सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली की नौगढ तहसील के हालत को लाते हुए बताया है कि यहां लोगों को बड़े पैमाने पर मलेरिया होता है. विशेषकर सोनभद्र जनपद की दुद्धी तहसील में तो ग्रामीण व नागरिक सर्वाधिक मलेरिया से पीडित होते है और मलेरिया के कारण उनकी मौतें भी होती है.
स्वराज अभियान नेता दिनकर कपूर ने कहा कि इस क्षेत्र में राजनीतिक सामाजिक कार्य करने के कारण वो खुद लम्बे समय तक मलेरिया से पीड़ित रहे हैं. यहां के हर सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्रों पर मलेरिया पीडित व्यक्ति को सरकार की तरफ से मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन मुफ्त में मिलती है, जिससे लोगों के जीवन की रक्षा होती है.
पत्र में कहा गया कि केन्द्र सरकार के उपरोक्त आदेश के बाद ग्रामीणों को मिल रही मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन मिलनी बंद हो जायेगी. जिससे इन क्षेत्रों के लोग बेमौत मरने पर मजबूर होंगे. ऐसी भी सूचना है कि भारत सरकार मलेरियारोधी दवा हाइड्रोक्लोरोक्विन को अमेरिका को निर्यात करने जा रही है जो इसे कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल करेगा. यह स्थिति बेहद चिंताजनक है. अतः निवेदन किया गया कि प्रदेश में इस दवा के मुफ्त वितरण को न रोका जाए और भारत सरकार से इस दवा के निर्यात को नहीं करने का आग्रह किया जाए.
विज्ञप्ति : दिनकर कपूर द्वारा जारी