उत्तर प्रदेश के प्रमुख महिला संगठनों ऐपवा, एडवा, महिला फेडरेशन, साझी दुनिया और हम सफर ने संयुक्त ऑनलाइन प्रोटेस्ट के ज़रिए उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 6 साल की बच्ची के साथ बर्बरता और बुलंदशहर की सुदीक्षा भाटी की मौत के दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग किया।
ऐपवा की संयोजक मीना सिंह ने कहा की इस घटना ने न सिर्फ मानवता को शर्मसार किया है बल्कि बलात्कारियों, अपराधियों को मिल रहे संरक्षण की राजनीति और योगी राज में क़ानून व्यवस्था की खस्ता हालत को भी बेनकाब कर दिया है।
एडवा प्रदेश उपाध्यक्ष मधु गर्ग ने कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है। योगी आदित्यनाथ जी की सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है। प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा के राज में बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित है। प्रदेश में महिलाओं व बच्चियों के ऊपर यौन हिंसा की बाढ़ आ गयी है।
ऐपवा नेता शशि मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में लम्पटों, अपराधियों का मनोबल कितना बढ़ा हुआ है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी हापुड़ की बर्बरता को एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि कल ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उसी इलाके में, बुलन्दशहर में अमेरिका में पढ़ रही होनहार सुदीक्षा भाटी के साथ अपराधियों ने छेड़खानी किया और उनकी स्कूटी से गिरकर ऐक्सिडेंट में मौत हो गयी।
NAPM की अरुंधति धुरू ने कहा कि शोहदों-अपराधियों द्वारा कानून से बेखौफ होकर अंजाम दी जा रही इस तरह की यौन हिंसा की घटनाओं के लिए पुलिस प्रशासन को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
महिला फेडरेशन की अध्यक्ष आशा मिश्र ने कहा कि इन वारदातों पर लगाम न लगी तो महिला संगठन सड़कों पर उतरेंगे। हम हर हाल में पितृसत्ता की विचारधारा तथा उसे संरक्षण देने वाली राजनीतिक ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
लखनऊ विश्विद्यालय की पूर्व कुलपति, साझी दुनिया की रूप रेखा वर्मा ने इस पूरी मुहिम को अपना पुरजोर समर्थन दिया तथा मार्गदर्शन किया।
प्रोटेस्ट में ऋत्विक दास, सुमन सिंह, सलिहा, कमला, गीता पांडे, R B सिंह, मोइज़मा, मुस्कान, ओमप्रकाश राज और केडी ठाकुर के अलावा अन्य लोग भी शामिल थे।