किसानों ने देश भर में फूँकीं कृषि कानूनों की प्रतियाँ, पंचकूला में पुलिस लाठीचार्ज

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5 जून यानी संपूर्ण क्रांति दिवस पर आज तीनों कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ देश भर में किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। कई जगह पुलिस के साथ भिड़ंत हुई और नेता और कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए।  पंचकुला में सम्पूर्ण क्रांति दिवस मना रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने लाठीचार्ज किया है जिसमें कई दर्जन किसानों के घायल होने की सूचना है।

दरअस्ल किसान, कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष की कोठी का घेराव करने जा रहे थे। पुलिस ने माजरी चौक और ओल्ड पंचकूला चौक पर उन्हें रोक दिया था और बेरिकेड लगा दिए थे। ओल्ड पंचकूला चौक पर किसानों ने बैरीगेट पार करने की कोशिश की। पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसी दौरान किसान आगे बढ़ने लगे। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

किसान नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए विरोध स्वरूप गिरफ्तारी देने का ऐलान  किया।

इसके आलावा पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर  बीजेपी के तमाम सांसदों, विधायकों और दफ्तरों के सामने तीन कृषि अध्यादेशों की प्रतियाँ जलाकर खासतौर पर रोष प्रदर्शन किया गया। दिल्ली बार्डर पर जारी धरने का आज 191वाँ दिन था और किसानों ने अपने बुलंद हौसले से साबित किया कि वे इस मोर्चे से पीछे हटने वाले नहीं हैं। उधर, टोहना में हरियाणा सरकार के ख़िलाफ़ बड़ी तादाद में किसान इकट्ठा हुए और झूठे मामलों में बंद किसानों को छोड़ने की माँग की।

गौरतलब है कि  5 जून 2020 को मोदी सरकार, कोविड लॉकडाउन की आड़ में, पहले अध्यादेश के रूप में 3 ब्लैक फार्म कानूनों को लाई थी। एसकेएम का आह्वान था कि अध्यादेशों/कानूनों की प्रतियां भाजपा विधायकों/सांसदों के घरों या कार्यालयों के सामने जलायें। इसी के तहत हिसार में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवास पर सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात होने के बावजूद हजारों किसान जमा हुए और कृषि कानूनों की प्रतियाँ जलायीं।

टोहाना में जेजेपी के स्थानीय विधायक देवेंद्र बबली की बदसलूकी और एसकेएम नेताओं की रिमांड के खिलाफ हजारों किसान अनाज मंडी में जमा हो गए और थाने की ओर मार्च कर दिय। भाजपा-जजपा के नेतृत्व वाली मनोहरलाल खट्टर सरकार झूठ को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है, तो एसकेएम ने 7 जून 2021 को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक सभी थानों के सामने सामूहिक प्रदर्शन और धरना (धरना) आयोजित करने का आह्वान किया  था, लेकिन किसानों के आक्रोश को देखते हुए उन्होंने आज माफी माँगने में ही भलाई समझी।

किसानों के इस आंदोलन में वामपंथी पार्टियों के किसान संगठन भी पूरी ताकत से शामिल हुए। यूपी में आईपीएफ के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों की प्रतियाँ जलायीं। आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व जय किसान आंदोलन से जुड़े मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार से इसे वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग की। इस कार्यक्रम की जानकारी आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी व मजदूर किसान मंच के महासचिव डा. बृज बिहारी ने प्रेस को दी। उन्होंने चंदौली में आइपीएफ नेता अजय राय को अलसुबह ही घर में नजरबंद करने और सोनभद्र में आइपीएफ जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका व मजदूर किसान मंच के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़ को म्योरपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दमन के बूते मोदी और योगी सरकार किसानों के आंदोलन को नहीं रोक सकती अब यह जनांदोलन बन चुका है जिसे समाज के हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। आज युवा मंच ने वर्चुअल रोजगार संवाद कार्यक्रम में प्रस्ताव लेकर किसानों के आंदोलन व उनकी मांगों का समर्थन किया।

संयुक्त किसान मोर्चा ने आज के कार्यक्रम को पूरी तरह सफल बताते हुए  11 जून 2021 को एसकेएम की अगली आम सभा की बैठक होने का ऐलान किया है। बयान में कहा गया है कि आमसभा में देश भर के किसानों की भारी भागीदारी के साथ अखिल भारतीय संघर्ष के रूप में संघर्ष को तेज करने के लिए भविष्य की कार्य योजना के एजेंडे पर विचार किया जाएगा, जो मजदूर-किसान एकता को और मजबूत करेगा और अन्य सभी वर्गों के साथ एकीकरण करेगा।