पीएम के तीन कृषि कानून वापस लेने के ऐलान के बाद भी नहीं रुकेगा किसानों का संघर्ष! जाने क्या है शर्तें…

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किसानों के लंबे संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद भी किसान आंदोलन खत्म करने को राज़ी नहीं हैं। दरअसल, शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने संबोधन के दौरान तीनों कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान करते हुए, आंदोलनकारी किसानों से अपने घर लौटने की अपील की प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा।

राकेश टिकैत ने कहा- आम जनता अधिक उत्साहित न हो….

पीएम मोदी ने के ऐलान के बाद राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतज़ार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री एमएसपी की गारंटी दे क्योंकि जहां पर हम हैं वहां पर किसी भी किसान की एमएसपी पर कोई खरीद नहीं होती। एमएसपी का सवाल पूर्ण रूप से देश का सवाल है। उन्होंने आम जनता को अधिक उत्साहित न होने कि हिदायत दी और कहा कि हमारा संघर्ष अभी जारी रहेगा।

सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें। सरकार संसद में जाएं और कानून वापस लेने की जो भी कार्यवाही है उसको पूरा करें। आज संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक है, उसमें सारी चीजें तय होगीं। हमारी एक कमेटी बनेगी जो अलग-अलग मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेगी। राकेश टिकैत के इस बयान से साफ हो गया है कि दिल्ली के बॉर्डर अब भी नहीं खुलेंगे और आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कानून वापस लेने की पूरी प्रक्रिया संपन्न नही हो जाती।

प्रधानमंत्री का अच्छा कदम….

भारतीय किसान यूनियन उगराहां धड़े के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा, ”गुरु पर्व पर कृषि कानून निरस्त करने का निर्णय प्रधानमंत्री का अच्छा कदम है। सभी किसान संघ एक साथ बैठेंगे और आगे के मार्ग के बारे में तय करेंगे।

किसान आयोग का गठन किया जाए…

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा, “तीनों कृषि कानून वापस लेने पर देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का हृदय से अभिनंदन करता हूं लेकिन किसान हित में मांग करता हूं कि 75 सालों की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान जो कर्ज़दार है, उनका सम्पूर्ण कर्ज़ माफ करें व किसान आयोग की घोषणा कर दें।

टेनी के इस्तीफा की मांग भी तेज़…

आंदोलन ख़त्म न करने के साथ ही भारतीय किसान यूनियन और किसान संगठनों के नेताओं ने अब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफा की मांग भी तेज़ कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेताओं का कहना है कि जब तक टेनी इस्तीफ़ा नही देते तब तक लखीमपुर में आंदोलन की चिंगारी धधकती रहेगी। अब किसान नेताओं की मांग है की बिल वापस हो रहा है तो लखीमपुर में किसानों की हत्या करने वालों को फांसी होनी चाहिए और अजय मिश्र का इस्तीफा होना चाहिए।

आपको बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर बीते एक साल से ज़्यादा समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे थे इस दौरान बहुत से किसान शहीद हुए, कुछ आंदोलन कर रहे किसान मंत्री के बेटे की गाड़ी के नीचे कुचल दिया गए। पीएम द्वारा अब कानून वापसी के ऐलान के बाद हिंसा में मारे गए किसानों के आरोपियों को सजा दिलाने की भी किसान नेता मांग तेज़ कर रहे हैं।