कांग्रेस की सरकार बनी तो रद्द होंगे कृषि क़ानून- प्रियंका गाँधी


सहारनपुर में 6 फरवरी से 5 अप्रैल तक धारा-144 लगाने का ऐलान प्रशासन ने पहले ही कर दिया था, फिर भी प्रियंका गाँधी को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। प्रियंका गाँधी ने संग्रामी तेवर दिखाते हुए ऐलान किया कि कांग्रेस पार्टी का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक ये क़ानून वापस नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि किसानों को देशद्रोही कहने वाला कभी देशभक्त नहीं हो सकता।


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कांग्रेस के जय जवान-जय किसान अभियान के तहत सहारनपुर के चिलकाना में आयोजित किसान महापंचायत ने आज पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी ने एक अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस सरकार आयी तो तीनों कृषि क़ानून रद्द होंगे जो किसानों के लिए किसी राक्षस की तरह हैं।

सहारनपुर में 6 फरवरी से 5 अप्रैल तक धारा-144 लगाने का ऐलान प्रशासन ने पहले ही कर दिया था, फिर भी प्रियंका गाँधी को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। प्रियंका गाँधी ने संग्रामी तेवर दिखाते हुए ऐलान किया कि कांग्रेस पार्टी का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक ये क़ानून वापस नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि किसानों को देशद्रोही कहने वाला कभी देशभक्त नहीं हो सकता।

प्रियंका गाँधी इस मौक़े पर प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अमेरिका से लेकर चीन तक घूम आये हैं लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों से मिलने नहीं जा सके। 56 इंच के सीने में बेहद छोटा सा दिल है जो किसानों के लिए नहीं सिर्फ अपने खरबपति मित्रों के लिए धड़कता है।

प्रियंका गांधी ने कहा ये आपकी जमीन का आंदोलन है, आप पीछे मत हटिए। हम खड़े हैं, जब तक ये बिल वापस नहीं होते तब तक डटे रहिए। जब कांग्रेस की सरकार आएगी ये सभी बिल वापस होंगे और आपको समर्थन मूल्य का पूरा दाम मिलेगा। हम आपको धर्म और जाति के नाम पर तोड़ेंगे नहीं, आपका बंटवारा नहीं करेगें, हम आपको जोड़ेंगे।

मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि 56 इंच के सीने में छोटा सा दिल है, लेकिन वो उद्योगपतियों के लिए धड़कता है। इनका दिल किसानों के लिए नहीं धड़कता है। किसान का बेटा जवान बनकर प्रधानमंत्री की हिफ़ाज़त करता है पर ये प्रधानमंत्री रोज़ किसानों का अपमान कर रहे हैं। वो रोज़ कहते हैं कि ये आतंकवादी हैं।

प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री अमेरिका, चीन, पाकिस्तान गए, लेकिन जिस शहर में रहते हैं उसके बॉर्डर पर नहीं पहुंच पाए। यही नहीं प्रधानमंत्री ने संसद में किसानों का अपमान किया, उनको आंदोलनजीवी कहा। इसका क्या मतलब है?  किसान आंदोलन कर रहे हैं अपने देश की मिट्टी के लिए, अपने बेटे के लिए जो सीमा पर खड़ा है। उसको देशद्रोही कहने वाला, उसका मजाक उड़ाने वाला, उसको आतंकवादी कहने वाला देश भक्त कभी नहीं हो सकता।

प्रियंका गांधी ने कहा कि 16 हजार करोड़ के 2 हवाई जहाज ले लिए और 20 हजार करोड़ संसद के सुंदरीकरण में खर्च कर दिया, लेकिन किसानों का बकाया 15 हजार करोड़ आज तक नहीं दिया। जबकि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि गन्ना का बकाया 15 हजार करोड़ रु ब्याज़ के साथ मिलेगा, लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला। आपको गन्ने का बकाया नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जाग जाइए, जिनसे आप उम्मीद रख रहे हैं ये आपके लिए कुछ नहीं करेगें। ये बड़े-बड़े वादे करते है, लेकिन उनके शब्द खोखले हैं।

 

इसके पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहारनपुर के मां शाकंभरी देवी मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की। इसके बाद वो गांव रायपुर स्थित खानकाह में हजरत रायपुरी की दरगाह पहुंची। प्रियंका गांधी के साथ यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस नेता इमरान मसूद भी मोजूद थे।

किसान पंचायत में कांग्रेस नेता पीएल पुनिया, रामपुर की पूर्व सांसद बेगम नूरबानो,  कांग्रेस नेता डोली शर्मा और प्रमोद कृष्णम समेत कई नेता मौजूद रहे।

कांग्रेस नेताओं का दावा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन की मजबूत जमीन तैयार हो गयी है। सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़ समेत कई जिलों में किसान आंदोलन का तीखा प्रभाव है। सैकड़ों गांवों के लोग रोजाना ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर आते जाते रहते हैं। जहां एक तरफ ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों का मजमा लगा है, वहीं अब दूसरी तरफ किसान आंदोलन को गांव-गांव पहुंचाने की रूपरेखा कांग्रेस ने तैयार कर ली है। हर जिले की तहसीलों के बड़े गांवों से कांग्रेस ‘जय जवान-जय किसान’ अभियान चला रही है।

कांग्रेस इस अभियान के तहत उन जिलों को प्राथमिक तौर पर टारगेट किया है, जहां पर मजबूत किसान राजनीति का आधार रहा है। साथ ही साथ इन जिलों में किसान आन्दोलन का अच्छा खासा प्रभाव रहा है। सहारनपुर, शामली, मुज़फ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, फीरोजाबाद, बदायूं, बरेली, रामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और हरदोई समेत 27 जिलों में ‘जय जवान-जय किसान’ अभियान शुरू हो रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस के लिए पश्चिमी यूपी मजबूत जमीन रही है। कई बड़े कांग्रेसी नेता पश्चिमी यूपी की राजनीति में मजबूत दखल रखते हैं। कांग्रेस इस अभियान के जरिए किसान जातियों खास करके हिन्दू, मुस्लिम, जाट और गुर्जर समाज के बीच मजबूत पकड़ बनाने की रणनीति पर काम कर रही है।