राहुल का वीडियो वार: नोटबंदी ग़रीबों पर आक्रमण थी, फ़ायदा अरबपतियों को मिला!

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने भारत की सिकुडती अर्थव्यवस्था को लेकर वीडियो सीरीज शुरू की है। इसी वीडियो सीरीज की दूसरी कड़ी के तहत राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के जरिए राहल गांधी ने बताया कि नोटबंदी ने जीडीपी में गिरावट के अलावा देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा है।

राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान के असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था। और हमें इस आक्रमण को पहचानना पड़ेगा। और पूरे देश को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना पड़ेगा।

राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है। जो पाँसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया।

राहुल गांधी ने अपने वीडियो में कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान के असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था। 8 नबंबर, 8 बजे, 2016 में प्रधानमंत्री जी ने नोटबंदी का निर्णय लिया। 500 रुपये और 1000 के नोट रद्द कर दिये। पूरा हिंदुस्तान बैंक के सामने जाकर खड़ा हो गया। आपने अपना पैसा, अपनी आमदनी बैंक के अंदर डाली..

पहला सवाल- काला धन मिटा ? जवाब- नहीं !

दूसरा सवाल- हिंदुस्तान की गरीब जनता को नोटबंदी से क्या फायदा मिला ? जवाब- कुछ नहीं !

तो फायदा किसको मिला? फायदा हिंदुस्तान के सबसे बड़े अरबपतियों को मिला ! कैसे?  आपका जो पैसा था। आपके जेब में से, आपके के घरों से निकाल कर उसका प्रयोग सरकार ने इन लोगों का कर्जा माफ करने के लिए किया। मगर वो सिर्फ एक लक्ष्य था। दूसरा लक्ष्य भी था छुपा हुआ। जमीन साफ करने का। जो हमारा इनफॉर्मल सेक्टर है, असंगठित अर्थव्यवस्था का सेक्टर, वो कैश पर चलता है। छोटा दुकानदार हो, किसान हो, मजदूर हो, वो कैश से काम करता है। नोटबंदी का दूसरा लक्ष्य जो जमीन साफ करने का लक्ष्य, असंगठित अर्थव्यवस्था के सिस्टम से नकद कैश को निकालने का।

राहुल गांधी ने कहा कि “प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा वो कैशलेस इंडिया चाहते हैं। कैशलेस हिंदुस्तान चाहते हैं। अगर कैशलेस हिंदुस्तान होगा तो असंगठित अर्थव्यवस्था तो खत्म हो जाएगी। नुकसान किसको हुआ? किसानों को मजदूरों को, छोटे दुकानदारों को, छोटे व मझौले उद्योग वालों को। जो कैश का प्रयोग करते हैं। जो बिना कैश जी ही नहीं सकते।

नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान के असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था। और हमें इस आक्रमण को पहचानना पड़ेगा। और पूरे देश को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना पड़ेगा।

 

अपने पहले वीडियों में राहुल गांधी ने कहा था, कि “पिछले 6 साल से, बीजेपी की सरकार ने असंगठित व्यवस्था पर आक्रमण किया है। तीन बड़े उदाहरण देता हूं- नोटबंदी, गलत जीएसटी और लॉकडाउन। ऐसा नहीं है ​कि यह गलती से हुआ है। सरकार असंगठित क्षेत्र को खत्म कर रही है। असंगठित क्षेत्र 90 फीसदी को रोजगार देता है। यह खत्म हुआ तो हिंदुस्तान रोजगार नहीं दे पाएगा। इन तीनों का लक्ष्य हमारे असंगठित क्षेत्र को खत्म करने का है”।

राहुल गांधी ने पहले वीडियो में कहा था कि बीजेपी की सरकार ने असंगठित व्यवस्था पर आक्रमण किया है। आपको गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि साल 2008 में पूरी दुनिया में आर्थिक तूफान आया, अमेरिका यूरोप के बैंक गिरे, कंपनियां बंद हुईं, लेकिन भारत को कुछ नहीं हुआ। मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे। मैंने उनसे पूछा कि पूरी दुनिया में संकट आया, लेकिन भारत पर कोई असर नहीं हुआ ऐसा क्यों। उन्होने कहा, राहुल हिंदुस्तान में दो अर्थव्यवस्थाएं हैं, पहली संगठित अर्थव्यवस्था, दूसरी तरफ असंगठित अर्थव्यवस्था। जब तक असंगठित सिस्टम मजबूत है, कोई भी आर्थिक संकट छू नहीं सकता।’

राहुल गांधी के वीडियो सीरीज का पहला एपिसोड यहां पढ़ें और देखें –

राहुल का वीडियो वार: अर्थव्यवस्था बरबाद कर ईश्वर को दोष दे रही है मोदी सरकार !