शाखा बाबू की तबीयत ख़राब है। अन्तिम चरण में उनके यहां भी वोटिंग थी। कभी बरखा-बुन्नी तो कभी बदरफट्टू घाम। फिर भी वोट देने गए और जब से लौटे हैं खटिया पर हैं।…
कई साल पहले दिल्ली के जंतर-मंतर के धरनास्थल पर राजू की पार्टी की एक बहुत बड़ी किसानों की रैली थी। उस रैली में अचानक मेरी मुलाकात राजू से हो गयी। वे वहा भोजपुर…
प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गांधी को गोली मारने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया है। प्रज्ञा जिस आरएसएस विचारधारा के स्कूल से आती हैं वहां पर यह बात आम है। आरएसएस हमेशा से…
चौदहवीं लोकसभा के लिए आम चुनाव 1999 में सितंबर-अक्टूबर के दौरान हुए थे। इस लिहाज से 14वीं लोकसभा के चुनाव 2004 में सितंबर-अक्टूबर के दौरान होना थे, लेकिन भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन…
19 मई को लोकसभा की 60 सीटों के लिए चुनाव का सातवां और अंतिम चरण संपन्न होना है। इस चरण में बिहार में 8, झारखंड में 4, मध्य प्रदेश में 8, हिमाचल प्रदेश…
17वीं लोकसभा के लिए 2019 का आम चुनाव अब तक का सबसे महंगा चुनाव साबित होने की संभावना है। इस बात पर जानकार लोगों के बीच लगभग आम सहमति है. पर राजकीय और अराजकीय,…
देश में गठबंधन की राजनीति का दौर अपने शैशवकाल में ही था, लिहाजा राजनीतिक अस्थिरता का दौर भी जारी था। भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन यानी एनडीए की सरकार 1998 में महज तेरह…
पांच चरण के चुनाव के बाद रुझान और ज़्यादातर विश्लेषण बता रहे हैं कि एनडीए और यूपीए दोनों ही अपनी संख्या के दम पर बहुमत का आंकड़ा पार करने में सफल नहीं होंगे.…
अमरेश मिश्र के कई परिचय हैं। पत्रकारिता जगत उन्हें 26/11 को हुए हमले की कॉन्सपिरेसी थियरी का प्रसारक मानता है। अकादमिक और प्रकाशकीय जगत के लिए वे 1857 के गदर के इतिहासकार हैं।…
जीवन भर कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार के दरबारी रहे और संयोगवश कांग्रेस के अध्यक्ष बने सीताराम केसरी की बेलगाम महत्वाकांक्षा और सनक भरी जिद के चलते महज दो साल से भी कम समय…
सोलहवीं लोकसभा के 2014 में हुए चुनाव में केंद्र में तब कांग्रेस के नेतृत्व वाले युनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (यूपीए) के खिलाफ तथा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के…
बनारस से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और यूपी कैबिनेट में पूर्व मंत्री रहे सुरेंद्र सिंह पटेल पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं। सुरेंद्र पटेल सेवापुरी से विधायक रह चुके हैं और पटेलों (कुर्मी)…
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कामकाज पर बहुत कुछ अच्छा और ख़राब कहा जा सकता है, लेकिन इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि प्रधानमंत्री के रूप में उन्हें कई…
1989 के आम चुनाव के बाद मंडल और कमंडल ने जहां भारतीय राजनीति का व्याकरण बदल दिया तो 1991 के आम चुनाव के बाद बनी पीवी नरसिंह राव की सरकार ने भारत की…
बनारस की वाआइपी लोकसभा सीट पर नामांकन के आखिरी वक्त में बीएसएफ से बरखास्त जवान तेज बहादुर यादव को सपा की ओर से गठबंधन का प्रत्याशी बनाए जाने के चलते मीडिया की सारी…
बनारस की लोकसभा सीट से तेज बहादुर यादव को अचानक समाजवाद पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने और शालिनी यादव को बैठाए जाने के समूचे प्रकरण पर अजय राय ने पहली बार अपना मुंह…
चंद्रशेखर सरकार के 6 मार्च, 1991 को इस्तीफे के साथ ही लोकसभा भंग हो गई और महज डेढ़ वर्ष के भीतर ही देश को मध्यावधि चुनाव का सामना करना पड़ा। चंद्रशेखर महज लगभग…
सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव के लिए मतदान के सात चरणों में से चार चरणों में 29 अप्रैल तक 375 सीटों के वास्ते वोटिंग पूरी हो गई है। पांचवें चरण में 6 मई को…
डर लग रहा है, दूध का दूध और पानी का पानी ना जाये। देशभक्त देशभक्ति के इम्तिहान में फेल ना हो जायें। वाराणसी के ही नहीं देशभर के राष्ट्रवादियों की परीक्षा है। जिनका…
फौज में खराब खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ के बरखास्त जवान तेज बहादुर यादव सोमवार सुबह जब बनारस की लोकसभा सीट से अपना नामांकन कराने गए, तो उन्हें खुद पता नहीं था…
नर्मदा किनारे बसा हुआ महाराष्ट्र का मणिबेली गांव राज्य की मतदाता सूची में पहला गांव है। मणिबेली का वलसंग बिज्या वसावे, दामजा गोमता का पोता, इस लोकसभा चुनाव की सूची में राज्य का…
दस साल (1989-1999), पांच आम चुनाव, खंडित जनादेश, त्रिशंकु लोकसभा, बनती-गिरती सरकारें, छह प्रधानमंत्री, लोकसभा में विश्वास-अविश्वास प्रस्ताव का सिलसिला, कांग्रेस का उभार, भाजपा का उभार, जनता दल नाम का बिखरता कुनबा, यथास्थितिवाद…
भारतीय राजनीति में परंपरागत रूप से दो तरह के नेता हैं। एक वे हैं जिन्हें पता है कि क्या करना है। एक वे हैं जिन्हें पता है कि क्या नहीं करना है। पहले…
चुनावी राजनीति के इतिहास में जब भी बिहार के बेगूसराय का जिक्र होता है, तो उसे अक्सर कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआइ) का गढ़ बता दिया जाता है। गढ़ पुराने ज़माने के राजा-महाराजाओं के सुरक्षित…
प्रियंका गांधी की बनारस से उम्मीदवारी को हवा देकर अंत में न लड़ाने का फैसला करके कांग्रेस ने मोदी को ज़ोर का झटका धीरे से दे दिया है. मतलब शहर में एक दिलचस्प…