20 मई की सुबह, देश की नींद खुली तो आंखों के सामने साक्षात भय खड़ा था। कोरोना संक्रमण के 24 घंटों में नए मामलों ने नई ऊंचाई छू ली थी और हम अब…
शम्शुल इस्लाम राजनीतिशास्त्र के छात्र के तौर पर मैंने सेम्युएल जॉनसन (Samuel Johnson) का यह कथन पढ़ा था की देश-भक्ति के नारे दुष्ट चरित्र वाले लोगों के लिए अंतिम शरण (कुकर्मों को छुपाने…
द टेलीग्राफ ने आज अपने पहले पन्ने पर तस्वीरों और खबरों से बताया है कि राहुल गांधी को प्रवासी मजदूरों का समय खराब नहीं करना चाहिए था और उनके साथ पैदल चलते हुए…
अखिलेन्द्र प्रताप सिंह मजदूर वर्ग जिसने आधुनिक युग में कई देशों में क्रांतियों को संपन्न किया, जिसने भारत में भी आजादी के आंदोलन से लेकर आज तक उत्पादन विकास में अपनी अमूल्य भूमिका…
कुमार मुकेश अमेजन प्राइम की नई वेब सीरिज़ “पाताल लोक” खासी चर्चा में हैं. फिल्म का मुख्य किरदार इस्पेक्टर हाथीराम चौधरी सीरिज के आरम्भ में ही अपना दर्शन अपने एक कनिष्ठ अधिकारी…
(इस कठिन कठोर क्वारंटीन समय में संजय जोशी दुनिया की बेहतरीन फ़िल्मों से आपका परिचय करवा रहे हैं. यह मीडिया विजिल के लिए लिखे जा रहे उनके साप्ताहिक स्तम्भ ‘सिनेमा-सिनेमा’ की सातवीं…
अनमोल गुप्ता दुनिया भर के प्रमुख शहर कोरोना वायरस महामारी के केंद्र बने हुए हैं. अमेरिका में न्यूयॉर्क इससे सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र है. वहां कोरोना वायरस के कुल मामलों का 20 प्रतिशत अकेले…
1994 में हुए रवांडा नरसंहार त्रासदी के मुख्य अभियुक्तों में एक फेलीशेन काबूगा को फ्रांस से गिरफ्तार किया गया है। फेलिसीन काबूगा के ऊपर हुतू चरमपंथी समूहों की मदद करने का आरोप है।…
छह साल बेमिसाल का असर इंडियन एक्सप्रेस में देखिए आज के अंग्रेजी अखबारों में कल की सड़क दुर्घटना की खबर इंडियन एक्सप्रेस ने सबसे अच्छे से छापी है। मुख्य खबर का शीर्षक…
राकेश कायस्थ राहुल गाँधी को मैंने हमेशा उसी नज़रिये से देखा है, जिस तरह कोई पत्रकार (स्टार एंकर नहीं) देख सकता है। यानी मेरा नज़रिया हमेशा विश्लेषणात्मक रहा है। 2009 की जादुई जीत…
निस्संदेह, देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग की सबसे ज्यादा कीमत प्रवासी और दिहाड़ी मजदूर ही चुका रहे हैं. लॉकडाउन न सिर्फ उनकी रोजी-रोजगार निगल गया है, बल्कि ‘जहां और जैसे हैं,…
एक महामारी से कैसे नहीं जूझना चाहिए मध्य प्रदेश उसका जीता जागता उदाहरण है. जब महामारी से बचाव के उपाय किये जाने थे, तब मध्य प्रदेश में सरकार गिराने और बचाने का खेल…
आखिरकार मंगलवार 12 मई को प्रधानमंत्री ने कोरोनोवायरस और लॉकडाउन से जन्मी परिस्थितियों मे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा…
अनुराग पांडेय कोरोना वायरस ने पहले से ही नाज़ुक हालात से गुजर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। वित्तीय वर्ष 2018-19 की वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर, 2008-09…
कुमारी अनामिका 1960 में प्रसिद्ध कहानीकार चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी पर आधारित एक फ़िल्म आई थी, ‘उसने कहा था’. फिल्म का एक दृश्य है जिसमें सिपाही लाम पर जा रहे हैं और…
कोरोना महामारी के चलते हुए डॉकडाउन से करोड़ों प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गये हैं, अब वो अपने घऱों को लौट रहे हैं. इसलिए हमारे प्रवासी कामगारों को जीवन यापन करने के लिए अब…
प्रताप भानु मेहता मिखाईल गोर्बाचोव ने तत्कालीन सोवियत संघ में 1985 में एक अभागा शराब विरोधी अभियान चलाया । गोर्बाचोव के जीवनीकार टॉबमैन के अनुसार यह अभियान पोलित ब्यूरो की उच्च स्तरीय समिति…
विनीत कुमार साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने और फेक न्यूज़ फैलाने के मामले में ऑप इंडिया के ख़िलाफ़ बिहार पुलिस ने एफ़आइआर दर्ज किया है. आज सुबह जब मैं इस ख़बर से गुज़रा तो…
पाकिस्तानी शायर और लेखक इब्ने इंशा के व्यंग्य संग्रह, “उर्दू की आखिरी किताब”, की ख़ास बात ये है कि उसमें लिखी हुई हर बात आज की घटनाओं पर बहुत सटीक बैठती हैं. लेखिका…
रवीश कुमार 20 साल बाद क्यों याद किया Y2K को मोदी ने, 21 वीं सदी का पहला ग्लोबल झूठ था Y2K भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई के अपने…
कोविड-19 के गम्भीर और मृतप्राय रोगी किस तरह से अन्य संक्रमित लोगों से अलग हैं ? डॉ.स्कन्द शुक्ल वर्तमान कोविड-19 पैंडेमिक में किसी भी वय , लिंग , नस्ल ,…
कोरोना वायरस की महामारी ने पूंजीवाद के इंजन को रोक दिया है. परन्तु यह एक अस्थायी स्थिति है. आज जब पूरी मनुष्य जाति कुछ समय के लिए अपने घरों में कैद है तब…
हिंदी के महान कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित महाकाव्य ‘हुंकार’ की दो पंक्तियां हैं, जो हमारे वक़्त में सच होनी थी, ये न तो कवि को पता था-न ही हम में से…
कल्याणी सिंह स्त्री, समाज का एक अभिन्न अंग है, ऐसा कुछ लोग समझतें है, शायद उसमें आप, हम और मैं भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन क्या हमारी ये स्त्रियों वाली तस्वीर सब…
इस कोरोना क्वारंटीन समय में भी सरकार वह सब करने से बाज़ नहीं आ रही है जिसका आरोप अरसे से उसके सर है। यानी थैलीशाहों के चारण के रूप में श्रम और श्रमिकों…