आज सभी अखबारों में भारत-चीन सीमा से सैनिकों की वापसी की खबर प्रमुखता से है। इंडियन एक्सप्रेस ने इस सरकारी खबर को सरकारी अखबार की तरह पांच कॉलम में छापा है। आज बाकी…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल यानी 6 अगस्त को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया। इसकी जानकारी पीएम ने ट्विट कर दी थी।…
इंडियन एक्सप्रेस ने 5 अगस्त को ऐतिहासिक बनाने वाली एक खबर दो साल बाद पहले पन्ने पर छापी है। इससे पता चलता है कि गोदी मीडिया के जमाने में दो साल पुरानी खबर…
आज की सबसे बड़ी खबर यही थी। दूसरी बड़ी खबर टीएमसी के छह सदस्यों को निलंबित करने की है। इसे हिन्दुतान टाइम्स ने अधपन्ने पर छापा है। इंडियन एक्सप्रेस को छोड़कर किसी भी…
1925 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुयी।उस समय अंग्रेजी हुकूमत थी। सवर्णों में छटपटाहट थी की देर सवेर जब भी देश स्वतंत्र हो , पुनः सनातन या काल्पनिक सतयुग के काल…
शुचिता झा भोपालः ‘‘मैं टीका नहीं लगवाना चाहती हूं क्योंकि मैंने सोशल मीडिया में पढ़ा है कि उसे लगवाने पर में बांझ बन जाउंगी,’’ रेखा ने कहा (उनके कहने पर नाम परिवर्तित) यह…
हिन्दुस्तान टाइम्स की आज की लीड है, 'सदन का अपमान' : प्रधानमंत्री; विपक्ष ने रुख सख्त किया। आप कह सकते हैं कि संतुलित खबर है और विपक्ष का पक्ष भी साथ ही है।…
इस बीच तांबेरी चोटिल हो गया और आगे मुक़ाबले की स्थिति में नहीं रहा। उसने अपना नाम वापस ले लिया। बारशीम चाहता तो एक जंप और लगाकर वह आसानी से गोल्ड मेडल पा…
राहुल गांधी ने सभी विपक्षी नेताओं की एक बैठक सुबह के नाश्ते पर बुलाई है। द टेलीग्राफ में यह खबर लीड है। देश और राजनीति की मौजूदा हालत में यह एक बड़ी खबर…
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह समझ बनी है कि विकास ही सबसे अच्छा गर्भनिरोधक है। बंग्लादेश, जो कि एक मुस्लिम बहुसंख्यक देश है, में 2011 में महिलाओं की साक्षरता दर 78 प्रतिशत थी जो…
सबसे अधिक निराश परम्परगत मीडिया के न्यूज चैनलों और अखबारों ने किया है। अधिकांश न्यूज चैनल सरकार के प्रोपेगैंडा के माध्यम बन गए हैं। चाहे खबरे हों या डिबेट सबका एक ही उद्देश्य…
डा. आंबेडकर इन प्रश्नों के संदर्भ में कहते हैं— ‘हिन्दूधर्म के दर्शन को मानवता का धर्म-दर्शन नहीं कहा जा सकता. बाल्फोर के शब्दों में अगर कहूँ, तो हिन्दूधर्म सामान्य मनुष्य के अन्तरंग जीवन…
‘राष्ट्रीयता वर्तमान युग का कोढ़ है, उसी तरह जैसे मध्यकालीन युग का कोढ़ साम्प्रदायिकता थी। नतीजा दोनों का एक है। साम्प्रदायिकता अपने घेरे के अन्दर पूर्ण शान्ति और सुख का राज्य स्थापित कर…
अदालत का बहाना बनाकर सरकार ने चार साल तक कोई फ़ैसला नहीं किया। अगर ज्ञापन देते हुए ओबीसी मंत्रियों के साथ फ़ोटो खिंचाने के 24 घंटे के भीतर फ़ैसला हो सकता था तो…
‘मैं स्पष्ट रूप से भगवद्गीता में वर्णित हिन्दू समाज-दर्शन को अस्वीकार करता हूँ, क्योंकि यह उस सांख्य-दर्शन के त्रिगुण पर आधारित है, जो मेरे विचार में कपिल-दर्शन का एक क्रूर विकृतीकरण है और…
भारत में कोई आज भी अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चर्चा करे तो उसके दोस्त-मित्र और अभिभावक उसे चुप कराने का प्रयास करते हैं। पिछले कुछ सालों में मनोचिकित्सकों से संपर्क करने का…
सवाल यह है कि अगर यह सब बेचारे जन्नत ही जाना चाहते और इन्हें पक्का यकीन है कि इन्हें ही नियुक्ति पत्र मिला है तो फिर इन सब अभागों को एक कोने पर…
"प्रो. खालिद जावेद जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर हैं। अपने बेमिसाल अफसानों से न सिर्फ उर्दू बल्कि दूसरी जुबान के लोगों का ध्यान खींचने वाले खालिद का उपन्यास, 'एक खंजर पानी…
मिशनरियों के विरूद्ध जो आरोप लगाए जाते हैं वे न केवल आधारहीन हैं बल्कि ईसाई धर्म के बारे में मूलभूत जानकारी के अभाव को भी प्रतिबिंबित करते हैं. सिन्हा के दावे के विपरीत,…
लेकिन भाजपा की अटलबिहारी वाजपेयी सरकार ने क्या किया था? क्या उसने विदेशी पूंजी निवेश पर रोक लगा दी थी? क्या उसने विदेशी कंपनियों को देश से बाहर खदेड़ दिया था? क्या उसने…
दिल्ली के नए पुलिस प्रमुख ने कल कार्यभार संभाला पर दिल्ली के अखबारों में आज पहले पन्ने पर कोई खबर या तस्वीर नहीं है। आप जानते हैं कि यह नियुक्ति नियमों और परंपराओं…
यह एक सामान्य नियम है। पर 'शो मी द फेस, आई विल शो यू द रूल' के अनुसार, जैसे सभी नियमों के अपवाद होते हैं, इस नियम का भी अपवाद है। यह व्यवस्था…
आरएसएस ने अपने इस शब्दजाल में स्त्री की स्वतंत्रता का कोई पक्ष नहीं लिया है, बल्कि उसे वही स्थान दिया है, जो हिन्दू धर्मशास्त्रों ने उसे दिया है. इस शब्दजाल में उसने आधुनिक…
यह दिलचस्प है कि दिल्ली के अखबारों – हिन्दुस्तान टाइम्स में आज यह खबर तीन कॉलम में, टाइम्स ऑफ इंडिया में दो कॉलम में और इंडियन एक्सप्रेस में सिंगल कॉलम में है। हिन्दी…
जब नामवर सिंह 88 साल के थे, मीडिया विजिल के संस्थापक संपादक डॉ. पंकज श्रीवास्तव ने उनसे लंबी अंतरंग बातचीत की थी। इसमें उन्होंने अपने जीवन और भारतीय समाज और राजनीति में आये…