फौज में खराब खाने की शिकायत करने वाले बीएसएफ के बरखास्त जवान तेज बहादुर यादव सोमवार सुबह जब बनारस की लोकसभा सीट से अपना नामांकन कराने गए, तो उन्हें खुद पता नहीं था कि कुछ देर बाद क्या होने वाला है। दिन चढ़ते-चढ़ते अटकलें लगना शुरू हुईं कि समाजवादी पार्टी अपनी घोषित उम्मीदवार शालिनी यादव को बैठाकर तेज बहादुर को खड़ा कर सकती है। दिन में तीन बजे के आसपास सपा की ओर से इस बात की आधिकारिक घोषणा हो गई। तेज बहादुर यादव ने नए सिरे से नामांकन भरा। अब वे सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन के आधिकारिक प्रत्याशी बन चुके थे।
सोमवार को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के बीच यह ख़बर सबसे बड़ी रही। शाम होते-होते मीडियाविजिल के लिए शिव दास ने तेज बहादुर से कुछ अहम मुद्दों और उनके एजेंडे पर बातचीत की।
यादव से जब पूछा गया कि उनकी लड़ाई तो हिंदू राष्ट्रवाद के खिलाफ है और वे खुद हिंदू राष्ट्रवादी प्रतीकों का प्रयोग अपने प्रचार में कर रहे हैं, फिर कैसे नरेंद्र मोदी को चुनौती देंगे, तो उन्होंने विस्तार से इसका जवाब दिया। अपने सोशल मीडिया पर हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़ी सामग्री पर उन्होंने साफ कहा कि यह काम भाजपा के आइटी सेल वाले कर रहे हैं।
उन्होंने कथित हिंदू राष्ट्रवादियों द्वारा बनारस में मंदिरों को तोड़े जाने का मुद्दा उठाया और पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी कोई अवतार है? उनके लिए गंगा आरती को देर से शुरू किया गया, क्या वे महादेव से भी बड़े हो गए हैं?
चुनाव के लिए अपने पांच प्रमुख मुद्दों में उन्होंने सुरक्षा और सेना के हालात को सर्वोच्च गिनाते हुए राफेल सौदे की चर्चा भी की। उन्होंने सांसद की जिम्मेदारियां गिनाईं और नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि वे बॉर्डर पर आकर दो घंटा चौकीदारी कर के दिखाएं।
देखिए मीडियाविजिल को दिए तेज बहादुर के साक्षात्कार के प्रमुख अंश: