डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति के नवम्बर 2020 में निर्धारित चुनाव की तरह 2016 में पिछली बार के भी चुनाव में अनुदारवादियों की रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी थे. उनका मुकाबला निवर्तमान राष्ट्रपति बराक…
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के संवैधानिक आचरण को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। जिस तरह उन्होंने मंत्रिपरिषद की विधानसभा सत्र बुलाने की दोबारा मिली अनुशंसा की फाइल भी लौटा दी है,…
देश की राजनीति में आरक्षण काफी असरदार मुद्दा है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी ताल ठोंककर कहते रहे हैं कि कोई माई का लाल आरक्षण हटा नहीं सकता। लेकिन इस घोषणा के…
इस कठिन कठोर कोरोना काल में संजय जोशी दुनिया की बेहतरीन फ़िल्मों से आपका परिचय करवा रहे हैं. उनका यह पाक्षिक स्तम्भ सोमवार को प्रकाशित होता है। अब तक प्रकाशित कड़ियाँ आपको लेख के आख़िर…
स्वामी अछूतानंद ‘हरिहर’ का आदि-हिंदू आंदोलन बीसवीं शताब्दी के शुरुआती दशकों में हिंदी पट्टी में एक नयी बेचैनी लेकर आया था। स्वामी अछूतानंद के इस आंदोलन की अवधारण का पहला भाग आप 14…
भदन्त बोधनन्द की नौरत्न कमेटी में स्वामी अछूतानन्द ‘हरिहर’ एकमात्रा दलित जाति (चमार) सदस्य थे, जो उस समय आदि-हिन्दू आन्दोलन के प्रवर्तक और दलित समाज के महान नायक, कवि और सम्पादक थे।…
कुमार सम्भव कोरोना महामारी के बीच विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पहल हुई। कोरोना के बाद के विश्व पर चर्चा अभी गरमा ही रही थी कि 11 मई, 2020 के दिन…
जब से प्रिंटिंग, तब से फ़ेक न्यूज़ माना जाता है कि फ़ेक न्यूज़ का इतिहास, कम से कम प्रिंटिंग प्रेस के इतिहास जितना पुराना तो है ही। जब साल 1439 में, गूटेन्बर्ग ने…
चीन के आक्रामक रवैये और बीस जवानों की शहादत के बाद मोदी सरकार सवालों के घेरे में है। लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर आईटी सेल की ओर से ऐसी प्रचार सामग्री ठेली…
आत्महत्या के विरुद्ध : वैचारिकी उपेंद्र प्रसाद सिंह ” मैं सोच रहा हूं ,कहता रहा हूँ कि आत्महत्या कायरता है लेकिन सुशांत सिंह की आत्महत्या ने झकझोर दिया है। नहीं, ये कायरता नहीं…
उसको एस्ट्रोफ़िज़िक्स (खगोल भौतिकी) से प्यार था। वह चांद को अनंतकाल तक निहार सकता था। उसकी दिलचस्पियां, फिल्मों से कहीं आगे और इतर थी। ऐसा सुशांत सिंह के दोस्त उसके बारे में बताते…
हम अमरीका में चल रहे आंदोलन का समर्थन किस तरह करें और भारत में विरोध कर रहे लोगों के साथ कैसे एकजुटता ज़ाहिर करें? मेरे ख्याल से आपका आशय श्वेत अमरीकी पुलिस द्वारा…
अंग्रेज़ी के मशहूर लेखक, चार्ल्स डिकंस का उपन्यास है “अ टेल ऑफ़ टू सिटीज़”(दो शहरों की गाथा), उसी किताब के शीर्षक से इस लेख का शीर्षक उधार लिया गया है। इसकी तीन वजह…
“मैं केवल देह नहीं मैं जंगल का पुश्तैनी दावेदार हूँ पुश्तें और उनके दावे मरते नहीं मैं भी मर नहीं सकता मुझे कोई भी जंगलों से बेदखल नहीं कर सकता उलगुलान! उलगुलान!! उलगुलान!!!”…
एक ज़रुरी अभियान की फ़िल्म इस कठिन कठोर क्वारंटीन समय में संजय जोशी दुनिया की बेहतरीन फ़िल्मों से आपका परिचय करवा रहे हैं. यह मीडिया विजिल के लिए लिखे जा रहे उनके साप्ताहिक…
नीतीश कुमार और सुशील मोदी, शोर मचा कर काम नहीं करते… मोदी जी के नेतृत्व में देश का दुनिया में नाम हुआ है… कोरोना के समय में, लोगों ने मोदी जी का साथ…
उर्दू के मशहूर आलोचक शम्शुर्रहमान फारुक़ी का उपन्यास कई चाँद थे सरे आसमाँ 2014 में छपा था। मूल रूप से उर्दू में लिखा गया यह उपन्यास देखते ही देखते अनुवाद के ज़रिये तमाम…
विनायक दामोदर सावरकर का जन्मदिन है 28 मई 1883 और उनका निधन हुआ 26 फरवरी 1966को। इन तारीखों के इर्दगिर्द आरएसएस और बीजेपी के इस प्रेरणापुरुष की वीरता के बारे में तमाम कथाएँ…
1961 में प्रधानमंत्री नेहरू ने ‘सरदार’ सरोवर बाँध की नींव रखी। यह सरदार पटेल के प्रति उनकी विनम्र श्रद्धांजलि थी जिन्होंने आज़ादी और बँटवारे के जटिल दिनों में उनका बखूबी साथ दिया था।…
प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया’ जैसी किताब लिखकर इतिहास को भले ही समृद्ध किया हो, लेकिन लोगों में इतिहास के प्रति दिलचस्पी तो मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही जगाई…
एस. आर. दारापुरी इंडियन एक्सप्रेस में इधर किसी लेख के जवाब में लेखक,अध्यापक और सामाजिक कार्यकर्ता अपूर्वानंद की टिप्पणी पर नजर पड़ी. पहले तो मुझे लगा कि शायद लेखक कह रहे हैं कि…
इस कठिन कठोर क्वारंटीन समय में संजय जोशी दुनिया की बेहतरीन फ़िल्मों से आपका परिचय करवा रहे हैं. यह मीडिया विजिल के लिए लिखे जा रहे उनके साप्ताहिक स्तम्भ ‘सिनेमा-सिनेमा’ की आठवीं कड़ी…
प. बंगाल में अम्फन साइक्लोन ने भारी तबाही मचाई है। पहले से ही कोरोना के संकट और लॉकडाउन की आर्थिक तबाही से जूझते लोगों के लिए इससे बुरा कुछ हो ही नहीं सकता…
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी 21 मई 1991 को आतंकवादी हमले में शहीद हो गये थे। आज उनकी पुण्यतिथि है। समय बीतने के साथ यह मानने वालों की तादाद बढ़ रही है कि राजीव…
1994 में हुए रवांडा नरसंहार त्रासदी के मुख्य अभियुक्तों में एक फेलीशेन काबूगा को फ्रांस से गिरफ्तार किया गया है। फेलिसीन काबूगा के ऊपर हुतू चरमपंथी समूहों की मदद करने का आरोप है।…