पार्वती प्रेम के इतिहास की आदि विद्रोही हैं। पर्वतराज हिमवान की बेटी पार्वती एक ऐसे व्यक्ति से विवाह करने के लिए तप करती है जो सामाजिक कसौटी के लिहाज से कहीं से भी…
महाशिवरात्रि का दिन मशहूर किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्म-दिन भी है। लोग उन्हें भूलने लगे हैं, लेकिन एक समय था जब इस स्वामी ने देश की राजनीति को अपने तेवर से…
सवाल यह है कि अज्ञेय अमेरिकी संस्था 'कांग्रेस फार कल्चरल फ्रीडम' के भारतीय शाखा से सम्बद्ध थे या नहीं और 'कांग्रेस फार कल्चरल फ्रीडम' सीआईए द्वारा वित्तपोषित थी या नहीं थी? 1951 में…
रैदास और कबीर दोनों ने वर्णाश्रमवाद के विकल्प में एक नए समाज की प्रस्तावना और खाका पेश किया था. कबीर का लोक 'अमरदेस' था और रैदास का 'बेगमपुरा'. बेगमपुरा का अर्थ उल्लास की…
आप मानेंगे ही कि संविधान निर्माता डा. अंबेडकर नरेंद्र मोदी से ज्यादा समझदार अर्थशास्त्री थे! उन्होंने राज्य और अल्पसंख्यक नामक ज्ञापन जो उन्होंने संविधान सभा मे प्रस्तुत किया था में साफ साफ कहा…
'इनके सारे भाषण सांप्रदायिक विष से भरे थे, हिंदुओं में जोश पैदा करना व उनकी रक्षा के प्रबंध करने के लिए आवश्यक न था कि जहर फैले। इस जहर का फल अंत में…
मोदी जी ने कहा-'आप शोरगुल के बीच विधेयक पारित क्यों नहीं करवाते? ' उपराष्ट्रपति जी ने कहा ' जब सदन के नेता तथा उनके साथी विपक्ष में हुआ करते थे तो शोरशराबे के…
सेक्युलरिज़्म का अर्थ है राज्य का धर्म के मामलो से अलग रहना। राज्य लौकिक समस्याओं के लिए बनता है जबकि धर्म पारलौकिक समस्याओं पर चर्चा करता है। जब लौकिक समस्याओं का जवाब राज्य…
2016 में कुछ फ़ाइलें सार्वजनिक हुईं जिनसे पता चला कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने 1954 में नेताजी की बेटी की मदद के लिए एक ट्रस्ट बनाया था, जिससे उन्हें 500 रुपये प्रति…
"हमारा राजनीतिक दर्शन नेशनल सोशलिज़्म और कम्युनिज़्म का समन्वय होगा। स्थापना और प्रतिस्थापना के बीच के द्वंद्व का समाधान एक उच्चतर संश्लेषण के रूप में होना चाहिए। द्वंद्ववाद के नियम की यही माँग…
एक वेबसाइट के तौर पर 3 साल से अधिक समय और वीडियो प्लेटफॉर्म के तौर पर नए साल में प्रवेश करते हुए, हम आप सबके न सिर्फ आभारी हैं – हम आपकी राय-सलाह-मदद…
क्रान्ति और प्रतिक्रान्ति का दौर भारतीय राजनीति में 1990 का दशक सामाजिक न्याय और सामाजिक परिवर्तन का दशक माना जायेगा, क्योंकि इसी दशक में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू हुईं और…
सम्पूर्ण क्रान्ति का युग सत्तर के दशक को महत्वपूर्ण राजनैतिक आन्दोलनों के लिये जाना जाता है। इस युग में दलित राजनीति का कोई उल्लेखनीय विकास नहीं हुआ। पर आम चुनावों में जगजीवन…
स्वातंत्रोत्तर दलित राजनीति स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद दलित राजनीति में कोई क्रान्तिकारी विकास नहीं हुआ। स्वतन्त्र भारत में काँग्रेस सत्तारूढ़ हुई और उसी ने दलितों का नेतृत्व किया। दलितों के लिये…
जिस तरह डा. आंबेडकर कम्यूनल अवार्ड में दलित वर्गों को एक पृथक अल्पसंख्यक वर्ग के रूप में मान्यता दिलाने में कामयाब हो गये थे, वह गाँधी के लिये इसीलिये ज्यादा चिंताजनक था कि…
यह लेख 2017 में मीडिया विजिल में प्रकाशित हुआ था, पर जिस तरह से लगातार बीजेपी-आरएसएस की ओर से नेहरू-पटेल विवाद को हवा दी जाती है, या पटेल के पहले प्रधानमंत्री न बन…
“सिविल अस्पताल लोगों के इलाज के लिए है लेकिन यहां की स्थितियां देख कर लगता है कि ये किसी कालकोठरी जैसा है या शायद ये अस्पताल उससे भी कहीं ज्यादा ख़राब स्थिति में…
लव जिहाद को लेकर हुए दुष्प्रचार का मक़सद यह बताना है कि शातिर मुस्लिम नौजवान, भोली-भाली हिंदू लड़कियों को बहकाकर शादी कर लेते हैं। यह वही मनुस्मृति-वादी मिज़ाज है जो स्त्री को निर्णय…
स्वामी विरजानंद थे दयानंद सरस्वती के गुरु। नेत्रहीन थे लेकिन 1857 की क्रांति की पृष्ठभूमि तैयार करने में भूमिका निभायी। 1856 में हिंदू और मुस्लिम फ़क़ीरों ने मथुरा की पंचायत में मिलकर कहा…
पुनर्जागरण की राजनीति।राष्ट्रराज्य में आधुनिकता और पूँजीवाद का जन्म। राज्य का जन्म और विकास और अराजकतावाद का दर्शन।
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