बीजेपी के केंद्र और तमाम राज्यों में सत्तारूढ़ होने के साथ डा.आंबेडकर के विचारों को दफनाकर उनको मूर्ति में बदलने की कोशिश तेज़ हुई है। उन्हें एक हिंदू समाज सुधारक बताने का पूरा…
डॉ.आंबेडकर की लोकतान्त्रिक दृष्टि …
13 अप्रैल 1919, बैसाखी के दिन लगभग 4:00 बजे जनरल डायर लगभग डेढ़ सौ के सिपाहियों को लेकर जलियांवाला बाग में पहुंचा। वहां रौलेट एक्ट के खिलाफ एक जनसभा हो रही थी। बैसाखी…
ज्योतिबा फुले (11 अप्रैल 1827-28 नवंबर 1890 ) को हमें उनके वास्तविक रूप मे देखने का प्रयास करना चाहिए। भारत मे ब्राह्मणवादी विचारधारा के मजबूत होते जाने के दौर मे दो विपरीत खेमों…
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष चंद्रशेखर की आज से ठीक 25 साल पहले 31 मार्च 1997 की सीवान में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। कुछ दिन पहले दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में छात्रों…
“जब सच कहने के पीछे की नीयत ख़राब हो, तो वह हर झूठ से ज़्यादा ख़तरनाक़ होता है” विलियम ब्लेक हम सबने, “सच, पूरा सच और सच के सिवा कुछ नहीं”का जुमला अक्सर…
जश्न-ए-भगत सिंह-6 ( यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार “ द पीपल “ में प्रकाशित हुआ । इस लेख…
अब तो हमारे लोग क्रूरता और विभाजन में अंग्रेज़ों से भी एक कदम आगे निकल चुके हैं। मौजूदा स्थिति में अपने हीं धर्म से ताल्लुक रखने वालों को भी नहीं छोडा जा रहा।…
नरेश बारिया स्वदेशी आज के दौर का युवा ना कभी लायब्रेरी में जाकर इतिहास का एक पन्ना पढ़ता है , ना ही कभी कोई तथ्यों को सच्चाई की कसौटी पर खंगालता है…
लेनिन के जन्मदिन पर पर विशेष– कुछ समय पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जीत के जश्न में त्रिपुरा में रूसी क्रांति के नायक लेनिन की मूर्ति ढहा दी थी। कुछ लोग सोशल मीडिया…
जश्न-ए-भगत सिंह–8 पिताजी के नाम पत्र (30 सितम्बर, 1930 को भगतसिंह के पिता सरदार किशन सिंह ने ट्रिब्यूनल को एक अर्जी देकर बचाव पेश करने के लिए अवसर की माँग की। सरदार किशनसिंह…
शिवाजी के जन्मदिन 19 फ़रवरी पर विशेष धर्म की तुला पर राजनीति का सौदा करने में महारत हासिल कर चुके प्रधानमंत्री मोदी कुछ दिन पहले काशी विश्वनाथ मंदिर के नवीन परिसर के…
सुभाष बाबू 1938 के कांग्रेस अधिवेशन में कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। उनके अध्यक्ष बनने के बाद ही कांग्रेस में वैचारिक संघर्ष भी छिड़ गया था। वे 1921 से 1940 तक कांग्रेस में…
‘हिंदू महासभा ने त्रिशूलधारी संन्यासी और संन्यासिनों को वोट माँगने के लिए जुटा दिया है। त्रिशूल और भगवा लबादा देखते ही हिंदू सम्मान में सिर झुका देते हैं। धर्म का फ़ायदा उठाकर इसे…
सावरकर समर्थक जितना ही सावरकर के बचाव में अजीबोगरीब तर्क गढ़ेंगे, वे उतने ही एक्सपोज होंगे। पर उनके तर्कों को यूं ही नही छोड़ दिया जाना चाहिए, बल्कि उनका पूरी जानकारी और गम्भीरता…
मौलाना आजाद का चरित्र यह प्रमाणित करता है कि अपनी धार्मिक आस्था के साथ मजबूती से जुड़े रहकर भी, एक बहुलतावादी समाज के सर्वधर्म समभाव या सेक्युलर मूल्यों के साथ जुड़ा रहा जा…
बीएचयू की पूरी ज़मीन काशी नरेश द्वारा दान में दी गयी है, और शुरुआती आर्थिक सहायता महाराजा दरभंगा ने प्रदान की थी। इनके अतिरिक्त, तमाम राजाओं और यहां तक कि निज़ाम हैदराबाद और…
अपनी सघन सक्रियता के दौर में राजा महेन्द्रप्रताप ने लेनिन से भी भेंट की थी। उनका जीवन अत्यंत विशिष्ट अनुभवों से भरा-पुरा रहा। दुनिया के कितने ही देशों में उनकी कीर्ति और काम…
किम वैगनर, ब्रिटिश इतिहासकार है, जिन्होंने 22 मई 2018 को 2 तस्वीरें ट्वीट की थीं और बताया था कि पंजाब के कसूर में लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गये थे. उन्होंने…
परकला प्रभाकर ने कहा, “बीजेपी के न्यू इंडिया में जलियांवाला बाग के अंदर रंगारंग लाइट शो चलता है, मुस्लिम चूड़ीवाले को बेरहमी से पीटा जाता है।, हिंदू देवताओं के नाम पर ढाबा मालिकों…
आर्यों के बाहर से आगमन और हड़प्पा तथा वैदिक सभ्यता को अलगाने के लिए भगवान सिंह डी.डी. कोसंबी को पानी पी-पीकर कोसते हैं। उन पर औपनिवेशिक शासकों के स्वामीभक्त सिपहसालार होने का आरोप…
दरअसल भगवान सिंह को इतिहास पर कलम चलाने की प्रेरणा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा से निकले पुरातत्वविद एवं इतिहासकार स्वर्गीय स्वराज प्रकाश गुप्त से मिली और उन्हीं के मार्गदर्शन में उन्होंने तथाकथित…
"मैं श्री जिन्ना, श्री सावरकर और उन सभी नेताओं से अनुरोध करूंगा जो अभी भी अंग्रेजों के साथ समझौता करने के बारे में सोचते हैं कि, वे एक बार यह महसूस करें कि,…
डा. आंबेडकर इन प्रश्नों के संदर्भ में कहते हैं— ‘हिन्दूधर्म के दर्शन को मानवता का धर्म-दर्शन नहीं कहा जा सकता. बाल्फोर के शब्दों में अगर कहूँ, तो हिन्दूधर्म सामान्य मनुष्य के अन्तरंग जीवन…
‘राष्ट्रीयता वर्तमान युग का कोढ़ है, उसी तरह जैसे मध्यकालीन युग का कोढ़ साम्प्रदायिकता थी। नतीजा दोनों का एक है। साम्प्रदायिकता अपने घेरे के अन्दर पूर्ण शान्ति और सुख का राज्य स्थापित कर…