भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) की ओर से आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर जारी पोस्टर में पहले प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के शिल्पी जवाहरलाल नेहरू का नाम ग़ायब है और अंग्रेज़ों से छह…
"यह घटना मेरे लिए आँख खोलने वाली थी. उसने बतलाया कि हिन्दी के साहित्यिक और पत्रकार कितने ज्यादा तुनुकमिजाज हैं. मुझे पता लगा कि वे अपने शुभचिंतक मित्र की सद्भावनापूर्ण आलोचना भी सुनने…
सीजेआई का दखल कहाँ तक कारगर होगा? सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व जज, मानवाधिकार के जाने-माने पक्षधर, मदन लोकूर का सुझाव है कि कानून की ओर से आँख मूंदने वाले ऐसे पुलिस अधिकारियों को…
बहरहाल, अभी मुद्दा मोदी सरकार के वचनभंग का है। इसका कि प्रधानमंत्री के ‘मैं देश नहीं बिकने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा’ की डपोरशंखी घोषणा के बाद वह किस तरह उसका टेंडर…
‘‘कोविड की पहली लहर के दौरान हमें शुरू-शुरू में मास्क और सैनिटाइज़र दिये गए थे। फिर हमेशा सप्लाई कम बताई जाती और हमें बाहर से खरीदकर काम चलाना पड़ता। जो पैसा खर्च हुआ…
सरकार चाहती थी कि 'दुर्भावनापूर्ण अभियोजन' के मामलों मे उसे सुप्रीम कोर्ट यह अनुमति दे दे कि, सरकार दुर्भावनापूर्ण अभियोजन के मामलों में, वह मुकदमा वापस ले सकती है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने…
इंडियन एक्सप्रेस की खबर बता रही है कि सरकार ने कॉलेजियम द्वारा भेजे गए सभी नौ नामों को मंजूरी दे दी, अब एक रिक्ति रह गई। लेकिन खबर यह है कि एक रिक्ति…
रिपब्लिक टीवी ने उमर खालिद के भाषण का एक संपादित संस्करण दिखाया जिसे अमित मालवीय ने ट्वीट किया था। पत्रकार की वहां जाने की जिम्मेदारी भी नहीं थी। यह पत्रकारिता की नैतिकता नहीं…
आज कई दिनों बाद अखबारों के पहले पन्ने पर विज्ञापन कम हैं और कुछ खबरें छपी हैं। इतनी कि इन खबरों की चर्चा की जाए। उदाहरण के लिए इंडियन एक्सप्रेस की आज की…
तालिबानी राज में चुनावी लोकतंत्र का आना नामुमकिन लगता है. लेकिन तालिबान को हटाने का रास्ता हिंसा नहीं हो सकता है. अगर तालिबान हिंसा से हटाए गए तो फिर उनके बाद सत्ता में…
'मुसलमानों के विरोधी के लिए सिर्फ उर्दू अरबी नाम ही काफ़ी है, महज़ इतने भर से मुसलमान लिंच हो सकता है, भीड़ के ज़रिए मारा जा सकता है, एक पुलिस वाला कभी भी…
भाई यह नहीं सोचते कि इस तरह वे बहनों को हर तरह से कमजोर कर रहे होते हैं। उनके हिसाब से बहन को उसकी शादी पर तिलक-दहेज़ चढ़ाने से पैतृक दाय की भरपाई…
पूर्व प्रधानमंत्री, अटल बिहारी बाजपेयी के प्रति उनकी सदाशयता, जिसका उल्लेख स्वयं अटल जी ने कई बार किया है, उनके व्यक्तित्व के मानवीय पक्ष को उजागर करती है। राजीव गांधी का सबसे बड़ा…
आज कई अखबारों में खबर है कि कलकत्ता हाईकोर्ट में विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल की हिंसा की जांच कराने के आदेश दिए हैं और यह जांच सीबीआई तथा एसआईटी करेगी। यह खबर…
दरअसल भगवान सिंह को इतिहास पर कलम चलाने की प्रेरणा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा से निकले पुरातत्वविद एवं इतिहासकार स्वर्गीय स्वराज प्रकाश गुप्त से मिली और उन्हीं के मार्गदर्शन में उन्होंने तथाकथित…
अनुपूरक बजट को आमतौर पर किसी सरकार की उपलब्धि के तौर पर नहीं देखा जाता। वह ऐसा बजट लाती है तो माना जाता है कि मुख्य बजट पेश करने के दौरान उसके होमवर्क…
आज द टेलीग्राफ की लीड खबर का शीर्षक है, मोदी का अफगान ब्लंडर। इसमें बताया गया है कि भारत ने जब काबुल के अपने दूतावास में ताला लगाने का फैसला किया और सोमवार…
मशहूर पत्रकार और पाकिस्तान-अफगानिस्तान मामलों के विशेषज्ञ, वेद प्रताप वैदिक ने कल इस संबंध में लिखा था, "काबुलः भारत की बोलती बंद क्यों?" इसमें उन्होंने लिखा है, "पिछले दो हफ्तों से मैं बराबर…
द टेलीग्राफ का शीर्षक देखिए। मुख्य मुद्दा यही है कि सरकार ने पेगासुस मॉल वेयर खरीदा कि नहीं। और इसपर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। उसी को अखबार ने अपने खास अंदाज…
जस्टिस एन.वी.रमना ने कहा, "अब हम सदनों में जो देख रहे हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है ... तब सदनों में बहस बहुत रचनात्मक थी। मैंने कई वित्तीय विधेयकों पर भी बहस देखी हैं जहां…
निश्चित ही आज के पावन दिन, ' हम तल्ख़ी-ए-कलाम पर माइल ज़रा न थे ' पर अब वाकई सहा नहीं जाता, ' अंधेरे में ह्रदय के संदेही शंकाओं के आघात हैं।' मेरे देश…
आज के सभी अखबारों में “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” सबसे बड़ी खबर है। हिन्दुस्तान टाइम्स में यह अधपन्ने पर लीड है, टाइम्स ऑफ इंडिया में आज अधपन्ना नहीं है और यह खबरों के…
"मैं श्री जिन्ना, श्री सावरकर और उन सभी नेताओं से अनुरोध करूंगा जो अभी भी अंग्रेजों के साथ समझौता करने के बारे में सोचते हैं कि, वे एक बार यह महसूस करें कि,…
टाइम्स ऑफ इंडिया में आज यह मामला दो कॉलम में छपा है। शीर्षक है, "राज्यसभा में धक्का-मुक्की के लिए विपक्षी सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना।" देश के लिए हंसते-हंसते फांसी पर…
द टेलीग्राफ अखबार का शीर्षक है, भारत की आत्मा को बचाने के लिए युद्ध। फ्लैग शीर्षक है, विपक्ष ने अधिनायकवाद से लड़ने की कसम खाई। अखबार ने बताया है कि 14 विपक्षी दलों के…